लखनऊ: उत्तर प्रदेश के जनपद लखीमपुर खीरी से 37 वर्षों से अध्यापक की नौकरी करने वाला फर्जी शिक्षक को एसटीएफ ने गिरफ्तार कर लिया है. कुछ समय पहले बेसिक शिक्षा विभाग उत्तर प्रदेश में फर्जी अध्यापकों के नियुक्त की सूचना एसटीएफ मुख्यालय पर दी गई. एसटीएफ ने अपनी जांच पड़ताल के दौरान पतिराम सिंह पुत्र नारायण सिंह निवासी लखीमपुर गिरफ्तार कर लिया. फर्जी टीचर के पास से दो मोबाइल फोन व 4200 रूपया बरामद किया. पतिराम सिंह फर्जी दस्तावेज तैयार कराकर प्रधानाध्यापक के पद पर प्राथमिक विद्यालय, खखरा मिर्जापुर, लखीमपुर खीरी में नियुक्त था. जिसके विरूद्ध लगभग 06 माह पूर्व गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर बर्खास्त कर दिया गया था.
एसटीएफ ने फर्जी दस्तावेज पर नौकरी करने वाले शिक्षक को दबोचा - एसटीएफ मुख्यालय लखनऊ
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में फर्जी दस्तावेजों के आधार 37 अध्यापक की नौकरी करने वाले शिक्षक को एसटीएफ ने गिरफ्तार कर लिया है. शिक्षक के खिलाफ छह महीने पहले मुकदमा दर्ज किया गया था, तभी से आरोपी फरार चल रहा था.
छह माह से फरार चल रहा था फर्जी शिक्षक
बता दें कि फर्जी शिक्षक पतिराम के खिलाफ न्यायालय द्वारा वारण्ट जारी किया जा चुका था. अभियुक्त की गिरफ्तारी के लिए स्थानीय पुलिस द्वारा एसटीएफ उत्तर प्रदेश से सहयोग मांगा गया. जिस पर एसटीएफ की टीम द्वारा भौतिक सूचनाएं एकत्र की गयी. जिसमें पता चला कि पतिराम ने माध्यमिक शिक्षा परिषद की अपनी अंकतालिका से सम्बन्धित फर्जी सत्यापन तैयार कराकर जांचकर्ता अधिकारी को धोखा देने के उद्देष्य से भेजा गया था. जिसमें कुछ अन्य लोग इसके सम्पर्क में आये थे. इन्हीं लोगों पर सर्विलांस की मदद से कार्य करने पर पतिराम के विषय में जानकारी प्राप्त हुई.
पिता ने ही बनवाई थी फर्जी मार्कशीट
अभियुक्त पतिराम ने बताया कि उसके पिता मूलरूप से जनपद गाजीपुर के निवासी थे. पिता ने जनपद आजमगढ़ निवासी नखड़ू यादव नाम के शिक्षक के माध्यम से वर्ष-1972 में हाई स्कूल की फर्जी मार्कशीट बनवायी गयी थी. जिसके आधार पर वह प्राथमिक विद्यालय में शिक्षक के पद पर नियुक्त हो गया था और लगभग 37 वर्षो तक नौकरी करता रहा. सेवानिवृत्ति के दिन उसके खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कराकर बर्खास्त कर दिया गया तो वह फरार हो गया. गिरफ्तारी से बचने के लिए वह न तो मोबाइल फोन इस्तेमाल करता था और न ही अपने किसी परिचत या रिश्तेदारों के संपर्क में था.