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STF arrested fraudster : देश के बड़े अस्पतालों का डॉक्टर बन की लाखों की ठगी, एसटीएफ ने किया गिरफ्तार - एसटीएफ ने किया गिरफ्तार

एसटीएफ ने राजधानी में ऐसे जालसाज को गिरफ्तार (STF arrested fraudster) किया है जो फर्जी डाॅक्टर बनकर मरीज के तीमारदारों से खून के नाम पर ठगी करता था. एसटीएफ के मुताबिक आरोपी ने अब तक कई बड़े अस्पतालों में भर्ती होने वाले मरीज के तीमारदारों को अपना टारगेट बनाया है.

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Published : Jan 13, 2023, 6:53 AM IST

लखनऊ : पीजीआई, मेदांता व एम्स समेत देश के बड़े अस्पतालों से गंभीर मरीजों का गोपनीय डेटा चुराकर डॉक्टर बनकर तीमारदारों से इंजेक्शन व खून के नाम पर पैसे ठगने वाले जालसाज को एसटीएफ ने गिरफ्तार किया है. गाजियाबाद निवासी राहुल उर्फ करीम अस्पतालों में भर्ती मरीजों का डेटा सोशल मीडिया से चुराता था, बाद में अस्पताल का एचओडी, डाॅक्टर व टीम इंचार्ज बनकर मरीजों के तीमारदारों को काॅल कर मरीज की हालत क्रिटिकल होने की बात कहता था. उनके इलाज के लिए एंटीडोज के इंजेक्शन, ब्लड और प्लेटलेट्स बाहर से मंगवाने के नाम पर पैसे ऐंठ लेता था. एसटीएफ के मुताबिक, आरोपी अब तक सैकड़ों लोगों के साथ ठगी कर चुका है.



यूपी एसटीएफ एसएसपी विशाल विक्रम सिंह ने बताया कि 'बीते साल पीजीआई व मेदांता अस्पताल में भर्ती मरीजों के तीमारदारों ने शिकायत दर्ज कराई थी कि उन्हें फोन कर खुद को डॉक्टर बताने वाले ने इंजेक्शन, ब्लड व प्लेटलेट्स मंगवाने के नाम पर यूपीआई के द्वारा पैसे मंगाए और बाद में पता चला कि अस्पताल से ऐसी कोई उन्हें कॉल की ही नहीं गई. शिकायतें दर्ज होने के बाद इस जालसाज की गिरफ्तारी के लिए टीम गठित की गई थी, जिसके बाद गुरुवार को आरोपी राहुल उर्फ करीम को अवध शिल्पग्राम के पास से गिरफ्तार किया गया है.


पूछताछ पर आरोपी राहुल ठाकुर उर्फ करीम ने बताया कि 'वह राजा नाम के व्यक्ति के साथ हिन्दूराव हाॅस्पिटल दिल्ली में ब्लड बैंक में दलाली का काम करता था. राजा ने कोरोना काल के दौरान उसे बताया कि सोशल मीडिया के ब्लड डोनेट ग्रुप से जुड़ जाओ वहां पर क्रिटिकल कंडीशन के मरीजों के लिए लोग मदद मांगते हैं और अपना मोबाइल नम्बर भी लिखते हैं.' आरोपी ने बताया कि 'राजा की बात सुनकर वह सोशल मीडिया के विभिन्न ब्लड डोनेट ग्रुप में फेक एकाउंट बनाकर जुड़ गया, इसके बाद जिन लोगों द्वारा मदद के लिए पोस्ट की जाती थी, उनके मोबाइल नम्बर पर काॅल कर मरीज की जानकरी प्राप्त कर लेता था. फिर डाॅ. पुनीत, डाॅ. फरदीन खान व डाॅ. विवेक के नाम से मरीज के तीमारदारों को काॅल कर मरीज की जानकरी देते हुए मरीज की कंडीशन क्रिटिकल होने की बात बताकर बातों में फंसाकर तत्काल बाहर से एंटीडोज, ब्लड व प्लेटलेट्स की व्यवस्था करने के लिए फर्जी तरीके से खोले गए बैंक खातों में रुपये जमा करा लेता था. इसके बाद विभिन्न यूपीआई व एटीएम के माध्यम से रुपये निकाल लेता था. उसने बताया कि अब तक वह लगभग सैकड़ों लोगों से ठगी कर चुका है.'


बेरोजगारों के दस्तावेजों से खुलवाता था बैंक अकाउंट :एसएसपी एसटीएफ ने बताया कि 'आरोपी अब तक पीजीआई लखनऊ, एम्स दिल्ली, एम्स भोपाल, एम्स वाराणसी, टाटा मुम्बई, मेदांता गुड़गांव व लखनऊ, फोर्टीज, बीएल कपूर व दयाराम अस्पताल समेत कई अस्पतालों में भर्ती मरीजों के तीमारदारों से जालसाजी कर चुका है. बेरोजगारों को मोटी तनख्वाह दिलाने का झांसा देकर उनके नाम से सिम लेकर सैलरी के लिए बैंक में उनका खाता खुलवाता था और एटीएम कार्ड को खुद कब्जे में लेकर पैसे निकाल लेता था.'

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