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पशुधन विभाग घोटाला: एसटीएफ ने दो आईपीएस अधिकारियों के खिलाफ की कार्रवाई की संस्तुति

उत्तर प्रदेश में पशुधन विभाग में हुए घोटाले के मामले में एसटीएफ ने दो आईपीएस अधिकारियों के खिलाफ शासन से कार्रवाई की संस्तुति की है. दोनों आइपीएस अधिकारियों के खिलाफ एसटीएफ को सबूत मिले हैं. इससे पहले एसटीएफ ने 7 लोगों को गिरफ्तार किया था, जिनसे पूछताछ के बाद यह मालूम चला कि इस घोटाले में कई आईपीएस अधिकारी संलिप्त हैं.

action against ips officers in livestock department scam
पशुधन विभाग उत्तर प्रदेश.

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Published : Jun 19, 2020, 3:55 PM IST

लखनऊ: पशुधन विभाग में हुए घोटाले को लेकर एसटीएफ ने दो आईपीएस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए शासन से संस्तुति की है. जिन आईपीएस अधिकारियों को लेकर एसटीएफ ने संस्तुति की है, उनके नाम अरविंद सेन और डीसी दुबे हैं. एसटीएफ की जांच में फर्जीवाड़े में आईपीएस अरविंद सेन की संलिप्तता पाई गई है. वहीं दूसरी ओर आईपीएस डीसी दुबे के खिलाफ आरोपियों की मदद करने के सबूत मिले हैं.

एसटीएफ ने 7 लोगों को किया था गिरफ्तार
पशुधन विभाग में उजागर हुए घोटाले के बाद एसटीएफ ने 7 आरोपियों को गिरफ्तार किया था. आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में यह बात निकलकर सामने आई थी कि कई आईपीएस अधिकारी भी इन आरोपियों के संपर्क में हैं. पिछले लंबे समय से एसटीएफ इन अधिकारियों के संदर्भ में सबूत जुटा रही थी. सबूत मिलने के बाद एसटीएफ ने कार्रवाई करते हुए शासन को पत्र लिखा है.

एसटीएफ अभी एक और पुलिस अधिकारी के खिलाफ सबूत जुटा रही है. पीड़ित ने एसटीएफ को दिए गए बयान में एक पुलिस अधिकारी का नाम लिया है, जिसने आरोपियों के कहने पर पीड़ित मनजीत को धमकाने का काम किया था.

इंदौर के व्यापारी से 9 करोड़ रुपये की ठगी
पशुधन विभाग में ठेका दिलाने के नाम पर जालसाजों ने इंदौर के व्यापारी मनजीत सिंह से 9 करोड़ रुपये की ठगी की. ठगी को अंजाम देने वाले जालसाज आशीष राय ने व्यापारी से खुद को विभाग का निदेशक एके मित्तल बताकर ठगी को अंजाम दिया. एके मित्तल बनकर आशीष राय ने व्यापारी मनजीत सिंह से 9 करोड़ रुपये लिए और उसे ठेका दिलाने का वादा किया, लेकिन वह रुपये हजम कर लिए गए, जिसके बाद व्यापारी मनजीत सिंह की तहरीर पर हजरतगंज थाने में एफआईआर दर्ज की गई.

2018 में रची गई साजिश
व्यापारी मनजीत सिंह का कहना है कि इस ठगी की घटना को अंजाम देने के लिए तथाकथित पत्रकार संतोष मिश्रा, राजीव और अनिल राय ने साजिश रची थी. संतोष मिश्रा ने ही आशीष को एसके मित्तल बनाकर व्यापारी मनजीत सिंह के सामने पेश किया था. व्यापारी मनजीत सिंह ने बताया कि यह साजिश 2018 में रची गई थी. ठेका दिलाने के नाम पर 9 करोड़ रुपये लिए गए थे.

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लंबे समय से पीड़ित पैसे वापस करने की बात कह रहा है, लेकिन उसे पैसे वापस नहीं किए जा रहे हैं, जिसके बाद पीड़ित मनजीत सिंह ने 11 लोगों के खिलाफ हजरतगंज कोतवाली में एफआईआर दर्ज कराई थी.

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