लखनऊ : प्रदेश सरकार ने प्रदेश के सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों की स्थिति को सुधारने के लिए बजट-2023 में एक नया प्रस्ताव विधानसभा में रखा है. इस प्रस्ताव के तहत प्रदेश में जितने भी सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालय हैं. वह अपने भूमि व भवनों का व्यावसायिक प्रयोग कर धन अर्जित कर स्कूल के विकास में प्रयोग कर सकते हैं. बजट में सरकार ने इसके लिए जल्द ही नियम निर्धारित कर शासनादेश जारी करने की बात कही है. ज्ञात हो कि प्रदेश में संचालित सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों की स्थिति काफी खराब है बजट न होने के कारण इन स्कूलों के आधारभूत इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. ऐसे में सरकार इन विद्यालयों की सुविधाओं को दुरुस्त करने के लिए इनके भवनों का व्यावसायिक उपयोग करने की मंजूरी देने की तैयारी कर रही है.
सहायता प्राप्त इंटर कॉलेजों को व्यावसायिक प्रयोग की दी जाएगी मंजूरी : बजट में सरकार ने एडेड स्कूलों को अपने विद्यालय के भवन का व्यावसायिक उपयोग की मंजूरी मिलेगी. सरकार ने इसके लिए समिति बनाने के दिए निर्देश. व्यावसायिक कामों से होने वाले आमदनी को प्रयोग के लिए विद्यालयों में बनाई जाएगी समिति. सरकार ने विधानसभा में बजट के दौरान कहा था कि इन स्कूलों के व्यवसायीकरण किस तरह से किया जाएगा .इसके लिए विभागीय स्तर से एक समिति बनाई जाएगी. यह समिति तय करेगी कि इसके लिए क्या नियमावली होगी. साथ ही अभी कहा गया था कि व्यावसायीकरण से होने वाली आमदनी के लिए एक अलग से बैंक अकाउंट खोला जाएगा. इसका प्रयोग विद्यालयों में बनी समिति विद्यालय के इंफ्रास्ट्रक्चर व छात्रों को मिलने वाली सुविधाओं को बढ़ाने में प्रयोग करेगी.