लखनऊ: प्रदेश के पहले पीपीपी मॉडल पर बने आलमबाग बस टर्मिनल पर लगे सीसीटीवी कैमरों ने एक महिला अधिकारी की पोल खोल कर रख दी. शातिर महिला अफसर ड्यूटी से गायब रहने के बाद भी जब वापस लौटती तो रजिस्टर पर हस्ताक्षर कर उपस्थिति दर्ज करा देती. यह पूरी प्रक्रिया सीसीटीवी में कैद हो रही थी. मामले की जब गहनता से जांच हुई तो आलमबाग बस स्टेशन की स्टेशन इंचार्ज ज्योति अवस्थी की पोल खुल गई.
"तीसरी आंख" ने खोली महिला अधिकारी की पोल, ड्यूटी से गायब और रजिस्टर में रहती थी उपस्थित
आलमबाग बस स्टेशन की स्टेशन इंचार्ज ड्यूटी से गायब रहने के बाद भी जब वापस लौटती तो रजिस्टर पर हस्ताक्षर कर उपस्थिति दर्ज करा देती थी. टर्मिनल पर लगे सीसीटीवी कैमरों से इस बात का खुलासा हुआ. अब महिला अधिकारी को निलंबित कर दिया गया है.
इसके बाद परिवहन निगम के प्रधान प्रबंधक (प्रशासन) ने महिला अधिकारी को सस्पेंड कर दिया. अनुपस्थित होने के बावजूद रजिस्टर पर उपस्थिति दर्ज करने की शिकायत चारबाग डिपो के तत्कालीन सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक अमरनाथ सहाय ने क्षेत्रीय प्रबंधक लखनऊ से की थी. लेकिन तब मामला रफा-दफा कर दिया गया. शिकायत पर जब प्रधान प्रबंधक (प्रशासन) ने पूरे मामले की जांच कराई तो सच्चाई सामने आई. अब महिला अधिकारी पर कार्रवाई हो गई.
परिवहन निगम मुख्यालय पर महिला केंद्र प्रभारी ज्योति अवस्थी के खिलाफ कई शिकायतें आईं. इन शिकायतों की जांच 24 मई की रात 11 बजे बस स्टेशन पर लगे सीसीटीवी कैमरे के जरिए की गई. इसमें बीते 10, 11 व 12 मई को ड्यूटी से गायब रहने के बाद 13 मई को ड्यूटी रजिस्ट्रर में बाकी दिनों की हाजिरी लगाने का खुलासा हुआ. इस मामले को संज्ञान में लेते हुए 25 मई को अपर प्रबंध निदेशक अन्नपूर्णा गर्ग ने जांच कराई. जांच के बाद प्रधान प्रबंधक (कार्मिक एवं प्रशासन) अशोक कुमार ने निलंबन आदेश जारी कर दिया.
केंद्र प्रभारी ज्योति अवस्थी पर आरोप है कि ड्यूटी पर न आने के बावजूद उपस्थिति पंजिका पर हस्ताक्षर कर उपस्थिति दर्ज कर लेती थीं. बस स्टेशन पर होने वाली घटनाओं की भी जानकारी उच्चाधिकारियों को उपलब्ध नहीं कराती थीं. बस स्टेशन पर स्थित कैंटीन पर ऐसे उत्पादों की बिक्री हो रही थी जो नहीं हो सकती थी. इन सवालों के आरोपों की जांच में केंद्र प्रभारी ज्योति अवस्थी दोषी पाई गईं.
आरएम की थी खास इसलिए नहीं होती थी कार्रवाई:परिवहन निगम के विश्वस्त सूत्र बताते हैं कि चारबाग डिपो के तत्कालीन सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक अमरनाथ सहाय ने अनुपस्थित रहने के बावजूद बाद में हस्ताक्षर कर उपस्थिति दर्ज करने की शिकायत लखनऊ के क्षेत्रीय प्रबंधक मनोज कुमार पुंडीर से की थी. लेकिन आरएम ने महिला अधिकारी पर कोई एक्शन लेने के बजाए उन्हें एक डिपो का अतिरिक्त प्रभार भी दे दिया था. सूत्रों का कहना है कि केंद्र प्रभारी आरएम की काफी खास थीं इसलिए कार्रवाई का सवाल ही पैदा नहीं हुआ.
आरएम पर भी लटकी सस्पेंशन की तलवार:लखनऊ के क्षेत्रीय प्रबंधक मनोज पुंडीर के खिलाफ मुख्यालय स्तर पर दो मामलों की जांच शुरू हो गई है. आरएम के खिलाफ बसों के संचालन में लापरवाही बरतने, चालक, परिचालक और कर्मचारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग में मनमानी की शिकायतें हैं. अभी तक जांच में कर्मचारियों का तबादला आदेश जारी करके धनउगाही करके तबादला आदेश वापस लिए जाने की जांच शुरू हो गई है. आरएम पर भी निलंबन की तलवार लटक रही है.
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