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एकेटीयू में स्थापित होंगे प्रदेश लेवल के दो संस्थान, फार्मेसी व एनवायरनमेंट पर होगी रिसर्च

डॉ एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय जल्द ही प्रदेश स्तर के दो संस्थान की स्थापना की जाएगी. यह संस्थान प्रदेश में फार्मा सेक्टर व एनवायरनमेंट सेक्टर मैं हो रहे बदलाव पर सर्च करने के साथ ही इन दोनों सेक्टरों में इंजीनियरिंग के माध्यम से क्या सुधार किया जा सकता है इसके लिए काम करेगा.

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Published : Nov 22, 2022, 7:08 PM IST

लखनऊ :डॉ एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (Dr APJ Abdul Kalam Technical University 'AKTU') जल्द ही प्रदेश स्तर के दो संस्थान की स्थापना की जाएगी. यह संस्थान प्रदेश में फार्मा सेक्टर व एनवायरनमेंट सेक्टर मैं हो रहे बदलाव पर सर्च करने के साथ ही इन दोनों सेक्टरों में इंजीनियरिंग के माध्यम से क्या सुधार किया जा सकता है इसके लिए काम करेगा. विश्वविद्यालय ने इन दोनों संस्थानों की रूपरेखा तैयार कर कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल (Chancellor Anandiben Patel) के सामने प्रस्तुतीकरण कर चुका है. इसके बाद इसे अब प्रदेश सरकार के सामने प्रस्तुत किया जाएगा. विश्वविद्यालय दोनों संस्थानों की स्थापना करने के लिए शासन से वित्तीय सहायता की मांग करेगा.

कुलपति प्रोफेसर पीके मिश्रा (Vice Chancellor Professor PK Mishra) ने बताया कि इंटरनेशनल इंस्टीट़यूट ऑफ फॉर्मेसी एंड बायो इंजीनियरिंग रिसर्च (International Institute of Pharmacy and Bio Engineering Research) और इंटरनेशनल स्कूल ऑफ एन्वारमेंट आर्किटेक्चर एंड प्लानिंग इंस्टिट्यूट (Environment Architecture & Planning Institute) की स्थापना की तैयारी कर रहा है. इन दोनों इंस्टीट्यूट बनाने का प्रस्ताव तैयार कर राजभवन में प्रेजेंटेशन दिया जा चुका है. अब शासन मैं इसका प्रेजेंटेशन होना है वैसी ने बताया कि इंटरनेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ फार्मेसी एंड बायो इंजीनियरिंग रिसर्च के तहत विश्वविद्यालय फार्मा इंडस्ट्रीज में होने वाले बदलाव व इस सेक्टर के विकास को बढ़ावा देगा. यह सेंटर लखनऊ या नोएडा में स्थापित किया जाएगा. इसके तहत सभी फार्मेसी इंस्टिट्यूट को जोड़ा जाएगा इस एस्ट्यूट की स्थापना के लिए 1000 करोड़ रुपए बजट की जरूरत है.

कुलपति प्रोफेसर पीके मिश्रा ने बताया कि इसके लिए 40% बजट शासन से मांगा जाएगा. ने बताया कि इंटरनेशनल स्कूल ऑफ एन्वारमेंट आर्किटेक्चर एंड प्लानिंग के तहत देश में बढ़ रहे प्रदूषण वॉइस के कारणों पर सर्च किया जाएगा इसके तहत शहरों के डिजाइन प्रदूषण रोकने के क्या कौन-कौन से ठोस कदम उठाए जाने चाहिए इन सभी पर काम होगा. इस सेंटर की स्थापना लखनऊ या वाराणसी किया जाएगा. इसके लिए 400 करोड़ के बजट की आवश्यकता है जिसका 40% शासन से मांगा जाएगा. कुलपति ने बताया कि दोनों इंस्टिट्यूट के स्थापना के लिए शेष बजट की व्यवस्था यूनिवर्सिटी अपने स्तर से करेगी.

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