लखनऊ: उत्तर प्रदेश राज्य विधि आयोग ने प्रस्तावित जनसंख्या नियंत्रण कानून से संबंधित विधेयक का मसौदा तैयार कर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सौंप दिया है. आयोग ने बीते महीने जनसंख्या नियंत्रण कानून के मसौदे का ड्राफ्ट जारी कर लोगों से आपत्तियां और सुझाव मांगे गये थे.
आयोग के मुताबिक, 8500 से अधिक लोगों ने ड्राप्ट पर अपने सुझाव दिए हैं. इसमें से 99.5 प्रतिशत लोग जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाने के पक्ष में हैं.
यूपी विधि आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति एएन मित्तल ने सीएम योगी को सौंपी अपनी रिपोर्ट के बारे में बताया, हमने जनसंख्या नियंत्रण विधेयक का मसौदा पोस्ट करने के बाद लोगों से सुझाव मांगे. हमें अच्छी प्रतिक्रिया मिली. हमने सुझावों को शामिल करने का प्रयास किया. जो लोग सरकारी योजनाओं का लाभ लेना चाहते हैं, वे अपने परिवार को 2 बच्चों तक सीमित रखें.
उन्होंने कहा कि जो लोग इस विधेयक का पालन नहीं करेंगे, उन्हें माता-पिता और उनके दो बच्चों सहित केवल 4 लोगों तक ही राशन मिलेगा. ऐसे लोगों को सरकारी नौकरियों के लिए आवेदन करने से भी रोक दिया जाएगा. वे नगर निकाय चुनाव नहीं लड़ पाएंगे.
यूपी विधि आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति एएन मित्तल ने कहा कि ये प्रतिबंध उन लोगों पर लागू होंगे, जिनके इस बिल के लागू होने के बाद दो बच्चे होंगे. अपनी रिपोर्ट में, हमने यह भी सिफारिश की है कि यह विधेयक विधान सभा से पारित होने के 1 साल बाद लागू होना चाहिए.
दूसरी बार जुड़वां बच्चे होने पर नहीं होगा उल्लंघन
जनसंख्या नियंत्रण कानून के मसौदे में साफ किया गया है कि यदि किसी व्यक्ति के एक संतान है. दूसरी बार प्रसूति में जुड़वां बच्चे होने पर उसे कानून का उल्लंघन नहीं माना जाएगा.
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तो तीसरी संतान पैदा कर सकेंगे
मसौदे में स्पष्ट किया गया है कि यदि किसी व्यक्ति के दो बच्चे है, नौकरी लगने के बाद दोनों में से एक बच्चे या दोनों बच्चों की मृत्यु हो जाती है तो वह तीसरी संतान को जन्म दे सकते हैं.
बता दें कि विश्व जनसंख्या दिवस-2021 के मौके पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश की जनसंख्या नीति 2021-2030 का एलान किया था. इस नीति के माध्यम से प्रदेश की जनसंख्या को स्टेबल करने का प्रयास किया जाएगा. इसके लिए यूपी सरकार ने 19 जुलाई तक जनता से सुझाव भी मांगे थे.