उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

सरकारी और निजी इंजीनियरिंग कॉलेजों के जरूरतमंद छात्रों को हुनरमंद बनाएगी प्रदेश सरकार

By

Published : May 17, 2023, 7:59 PM IST

सरकारी और निजी इंजीनियरिंग कॉलेजों में पढ़ाई करने वाले बीपीएल श्रेणी के छात्रों को सरकार हुनरमंद बनाने की तैयारी कर रही है. इस बाबत शासन से हरी झंडी मिल गई है. इसी सत्र से योजना शुरू करने की तैयारी विभाग की ओर से की जा रही है.

Etv Bharat
Etv Bharat

लखनऊ : प्रदेश सरकार अब सरकारी व निजी इंजीनियरिंग कॉलेजों में पढ़ने वाले गरीब तबके के छात्रों को हुनरमंद बनाने की तैयारी कर रही है. सरकार ने इसके लिए कौशल विकास मिशन को जिम्मेदारी सौंपा है. कौशल विकास मिशन गरीबी की रेखा से नीचे रहने वाले (बीपीएल श्रेणी) वाले छात्रों को कुशल बनाएगी और इस दौरान उनका पूरा खर्च भी विभाग द्वारा ही वहन किया जाएगा. इसके साथ ही इन छात्रों को नौकरी दिलाने की व्यवस्था भी मिशन मानव संसाधन देने वाली एजेंसी के माध्यम से करेगी. कौशल विकास मिशन की ओर से इस योजना को शासन से हरी झंडी मिल गई है. इस सत्र से इस योजना को शुरू करने की तैयारी विभाग की ओर से की जा रही है.


10 निजी इंजीनियरिंग कॉलेजों से होगी इसकी शुरुआत


इस योजना की शुरुआत प्रदेश के 10 निजी इंजीनियरिंग कॉलेजों के छात्रों को उलन बनाने से शुरुआत किया जाएगा. इन 10 इंजीनियरिंग कॉलेजों में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर इस योजना की शुरुआत होगी. इन कॉलेजों में यह योजना सफल होने के बाद प्रदेश के सभी निजी इंजीनियरिंग कॉलेजों के छात्रों को इसमें शामिल किया जाएगा. इस दौरान कौशल विकास मिशन इस योजना पर आने वाले सभी खतरो का वह खुद ही करेगा. कौशल विकास मिशन के मिशन निदेशक आन्द्रा वामसी ने बताया कि कौशल विकास मिशन सभी सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेजों में तो बीपीएल श्रेणी के छात्रों को हुनरमंद बनाएगा ही, लेकिन निजी इंजीनियरिंग कॉलेजों इस योजना में शामिल होने के लिए कुछ शर्तें रखी हैं. पहली शर्त निजी कालेजों को 10 साल पुराना होना अनिवार्य है. दूसरी शर्त यह है कि पिछले 5 सालों में 10 करोड़ का टर्नओवर होना चाहिए. उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत इंजीनियरिंग कॉलेज कि अपनी क्लास खत्म होने के बाद छात्र को अलग से क्लास लगाकर उन्हें स्किल कोर्स कराया जाएगा.

6 से 12 महीने का होगा कोर्स


मिशन निदेशक आन्द्रा वामसी ने बताया कि इन सभी इंजरिंग कॉलेजों में यह कोर्स 6 से 12 महीने का होगा. मिशन चयनित इंजीनियरिंग कॉलेजों में पढ़ने का जिम्मा अपने ट्रेनिंग पार्टनर को देगा. ट्रेनिंग पार्टनर को प्रतीक्षा ₹14000 दिए जाएंगे. ट्रेनिंग पार्टनर छात्र को उसके लायक नौकरी दिलाएंगे तो उसे ₹6000 अलग से दिए जाएंगे. उन्होंने बताया कि कौशल विकास मिशन इंजरिंग कॉलेज के आसपास चलने वाले उद्योगों से भी करार करेगा. इस करार के बाद उद्योगों के प्रशिक्षित कर्मचारी आकर छात्र-छात्राओं को इंजीनियरिंग कॉलेज में ट्रेनिंग देंगे और ट्रेनिंग पूरा करने का उन्हें अपने यहां इंटर्नशिप या नौकरी का भी मौका देंगे या ट्रेनिंग को पूरा करने के बाद विद्यार्थी स्वरोजगार का आत्मनिर्भर भी बन सकता है.

यह भी पढ़ें : Lucknow News : महंगी शराब पीकर रिटायर्ड फौजी के घर में सो गया चोर, लॉकअप में खुली आंख

ABOUT THE AUTHOR

...view details