लखनऊ: राजधानी के एक प्राथमिक विद्यालय के जर्जर हालत को आखिरकार राज्य सरकार ने स्वीकार कर लिया है. हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के समक्ष राज्य सरकार की ओर से आश्वासन दिया गया है कि राजधानी के उक्त स्कूल के बच्चों को अन्य स्कूल में स्थानांतरित किया जाएगा. इसके पूर्व सरकार ने यह भी स्वीकार किया है कि उक्त स्कूल के वर्तमान भवन में बच्चों की पढ़ाई सम्भव नहीं है. इस आश्वासन के बाद न्यायालय ने मामले को एक सप्ताह बाद सूचीबद्ध करने का आदेश दिया है.
यह आदेश न्यायमूर्ति रितुराज अवस्थी और न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह की खंडपीठ ने भारत जन गौरव मंच की ओर से दाखिल जनहित याचिका पर पारित किया. मंच की ओर से अधिवक्ता आकाश दीक्षित ने कोर्ट के समक्ष दलील दी कि वजीरगंज थाने के बगल स्थित वजीरगंज प्राथमिक विद्यालय प्रथम व द्वितीय जिस इमारत में चल रहा है व 100 साल से अधिक पुरानी और जर्जर है. उक्त इमारत की तस्वीरें पेश करते हुए कहा गया कि इमारत में जगह-जगह दरारें हैं और इसकी दीवारें कभी भी गिर सकती हैं. इमारत के सामने मलबा पड़ा हुआ है. ऐसे में उक्त इमारत में बच्चों को पढाना खतरनाक है.
आखिरकार बच्चों का स्कूल जर्जर भवन से हटाने को तैयार हुई सरकार
प्रदेश सरकार ने मान लिया है कि राजधानी के वजीरगंज स्कूल की इमारत की हालत जर्जर है. लखनऊ हाईकोर्ट (lucknow high court ) के समक्ष राज्य सरकार की ओर से आश्वासन दिया गया है.
इस पर न्यायालय ने इमारत के निरीक्षण का आदेश जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, लखनऊ को दिया था. साथ ही जिलाधिकारी लखनऊ को भी इमारत के टेक्निकल निरीक्षण के सम्बंध में सहायता प्रदान करने का निर्देश दिया था. इस बार की सुनवाई में सरकार की ओर से पेश अधिवक्ता ने बताया कि वजीरगंज प्राथमिक विद्यालय प्रथम व द्वितीय के बच्चों को झाउलाल प्राथमिक विद्यालय में स्थानांतरित करने के निर्देश दिये जा चुके हैं.
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