लखनऊः स्टांप पंजीयन विभाग ने प्रदेशवासियों के व्यापक हित को ध्यान में रखते हुए अचल संपत्तियों के पारिवारिक हस्तांतरण को अत्यधिक सुगम बना दिया है. यदि प्रदेश का कोई व्यक्ति अपनी अर्जित संपत्ति अपने रक्त संबंधियों के नाम करना चाहे तो उसे इसके लिए अब अधिकतम पांच हजार रुपए स्टांप शुल्क देना होगा, जबकि इससे पूर्व इसी कार्य के लिए रजिस्ट्री के समान ही शुल्क देना पड़ता था. इस निर्णय से पारिवारिक संपत्तियों के हस्तांतरण में सुविधा होगी और कोई विवाद भी उत्पन्न नहीं होगा.
प्रदेश के स्टांप पंजीयन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रविन्द्र जायसवाल ने बताया कि योगी सरकार द्वारा जनहित में लिया गया यह एक महत्वपूर्ण फैसला है. माता, पिता, पति, पत्नी, पुत्र, पुत्री, पुत्रवधू, दामाद, सगा भाई, सगी बहन, पुत्र तथा पुत्री के पुत्र, पुत्रियां को अपनी स्वअर्जित अचल संपत्ति किसी के नाम करनी हो तो उसे अधिकतम 5000 रुपये का शुल्क देकर आसानी से दान किया जा सकता है.