लखनऊ: सरकार ने विभिन्न राज्यों में फंसे प्रवासी श्रमिकों को उनके घर भेजने के लिए सैकड़ों श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का संचालन शुरू किया है. लेकिन इन श्रमिक स्पेशल ट्रेन से भी श्रमिकों की समस्याएं खत्म नहीं हुईं. पहले रजिस्ट्रेशन कराने में उन्हें कई दिक्कतों का सामना करना पड़ा, उसके बाद डेढ़ माह तक ट्रेनों का लम्बा इंतजार भी करना पड़ा. ईटीवी भारत ने जब इन श्रमिकों से बात की तो उन्होंने बताया कि उन्हें वापस लौटने में तमाम दिक्कतों का सामना करना पड़ा.
लाखों प्रवासी श्रमिक पहुंच चुके हैं घर
सरकार ने अब तक 1500 से ज्यादा श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के माध्यम से लाखों प्रवासी श्रमिकों को उनके जिलों में पहुंचाया है. जालंधर, दिल्ली और गाजियाबाद से लौटे कई श्रमिकों से जब ईटीवी के संवाददाता ने बात की तो उन्होंने बताया कि मोबाइल पर रजिस्ट्रेशन करना बहुत आसान है. मोबाइल के साथ ही कीपैड वाले मोबाइल पर भी इसे हिंदी में भरा जा सकता है. इसकी जानकारी एसएमएस के माध्यम से तुरंत नहीं मिलती है. एक दिन पहले या कुछ घंटे पहले एसएमएस आता है.