लखनऊ: 25 दिसंबर पूरी दुनिया के लिए यादगार तारीख बन गई है. बाजार ने प्रभु यीशु के जन्मदिन की तारीख को दुनिया के उन देशों में भी त्योहारी दिन बना दिया, जहां क्रिश्चियन आबादी के अनुपात में कम हैं. ऐतिहासिक तारीख को बड़ा दिन के तौर पर भी याद किया जाता है. भारत में यह बड़ा दिन और बड़ा इसलिए है कि 25 तारीख को कई महापुरुषों का जन्म हुआ. महामना के नाम से मशहूर पंडित मदन मोहन मालवीय, भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और 11 वीं सदी में महाराजा बिजली पासी भी इसी ऐतिहासिक तारीख को पैदा हुए. अगर अखंड भारत की शख्सियतों को शुमार करें तो मुहम्मद अली जिन्ना की जयंती भी 25 दिसंबर को मनाई जाती है.
राजनीतिक दलों ने चुने अपने-अपने नायक
अब सवाल यह है कि जिन्ना को छोड़ भी दें तो भारत के तीन महापुरुषों को 25 दिसंबर को कैसे याद किया जाता है. जवाब है सिर्फ और सिर्फ राजनीतिक तौर पर. हमारे महापुरुष भी देश और समाज के नायक के तौर पर कम, वोट बैंक के नेता के तौर पर याद किए जाते हैं. राजनीतिक दलों ने अपने-अपने नायक चुन लिए हैं. 25 दिसंबर को भाजपा अटल दिवस मना रही है तो कई संगठन मालवीय जयंती, समाजवादी पार्टी ने महाराजा बिजली पासी को चुना है. आज प्रदेश भर में सपा महाराजा बिजली पासी जयंती मनाएगी.
जब कृषि कानूनों के खिलाफ महीने भर से किसान धरने पर बैठे हैं, जब देश उनके साथ और खिलाफ के दो धड़ों में बंटता नजर आ रहा है तो फिर किसान दिवस का मौका कैसे छूट सकता है. 23 फरवरी चौधरी चरण सिंह का जन्मदिन मना तो देशभर में, लेकिन रालोद ने उन्हें रालोद के नायक और रालोद को किसानों का नायक जैसे पेश किया.