लखनऊ: समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने रविवार को कहा है कि भाजपा के सभी निर्णय जनविरोधी हैं. नोटबंदी-जीएसटी ने अर्थव्यवस्था को बर्बाद किया, व्यापार-धंधा चौपट हो गया. तीन काले कृषि कानून लाकर किसान और खेती को व्यापारिक घरानों का बंधक बनाने की साजिश हुई. जनता महंगाई से और नौजवान बेरोजगारी से परेशान हैं. भाजपा ने जनहित में कोई काम नहीं किया. इससे ऊबे लोगों ने अब 2022 के विधानसभा चुनावों में भाजपा का सफाया करना तय कर लिया है. जनसमर्थन समाजवादी पार्टी के साथ है.
अखिलेश यादव आज पार्टी कार्यालय में कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने, कहा कि किसानों के आंदोलन से डरी हुई भाजपा ने तीनों कृषि कानूनों की वापसी की घोषणा की है जो उसकी चतुराई है. उसकी नीयत में खोट है. स्वयं उनकी पार्टी के नेता ही यह कह रहे हैं कि भाजपा सरकार फिर कृषि बिल ला सकती है. किसान समझ रहे हैं कि उन्हें भाजपा सरकार धोखा देना चाहती है. वह इसीलिए तत्काल आंदोलन वापस नहीं कर रहे हैं.
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा किसानों की हितैषी नहीं, विरोधी है. उसने किसानों की फसल की एमएसपी पर ही बिक्री से अभी तक किनारा कर रखा है. समाजवादी सरकार ने मंडी की स्थापना की थी और सड़के बनाई थीं ताकि किसान अपनी फसल सुगमता से बेंच सकें. भाजपा के कानूनों से मंडियां ही बेकार हो गईं.
अखिलेश ने कहा-भाजपा की राज्य सरकार यानी योगी सरकार के अब गिने चुने दिन ही रह गए हैं. इस साढ़े चार साल से अधिक की अवधि में उसने विकास का कोई काम नहीं किया. समाजवादी सरकार के समय हुए कामों को ही अपना बताकर वह वाहवाही कराती रही. गिनाने को उसके पास एक काम नहीं है. एक यूनिट बिजली का उत्पादन नहीं हुआ. समाजवादी सरकार में लोक भवन का निर्माण हुआ था ताकि वहां से जनता को न्याय मिल सके. जेपी इन्टरनेशनल सेंटर, इकाना स्टेडियम, मेट्रो, आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे, अवध शिल्पग्राम, जनेश्वर मिश्र पार्क, समाजवादी पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे ये सभी समाजवादी सरकार की देन हैं.