लखनऊ: सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा के कारण सामाजिक सद्भाव खतरे में है. तनाव से उत्तर प्रदेश में डर व्याप्त है. साम्प्रदायिक कुप्रचार पर लगाम नहीं है. ऐसे में प्रदेश में कानून व्यवस्था के लगातार बिगड़ने के अलावा और क्या उम्मीद की जा सकती है? भाजपाराज में न तो अपराधिक घटनाओं को सही से दर्ज किया जाता है और न ही अराजकतत्वों पर अंकुश लगता है. महिलाएं लगातार अपमानित हो रहीं हैं और बच्चियां सबसे ज्यादा दुष्कर्म की शिकार हो रही है.
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने जारी बयान में कहा कि निर्दोषों का उत्पीड़न होता है और दोषियों का बाल-बांका भी नहीं होता है. क्या यही लोकराज है? भाजपा राज में महिला अपराध में यूपी नंबर वन (UP number one in women crime) है. उत्तर प्रदेश में एनसीआरबी के आंकड़ों में जंगलराज साफ दिखाई पड़ता है परन्तु भाजपा को आधी-अधूरी रिपोर्ट का ढोल पीटने में संकोच नहीं है. उन्होंने कहा कि नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल के अनुसार वर्ष 2021 में 56,869 शिकायते दर्ज हुईं. इसके मुताबिक रोज 350 साईबर क्राइम के मामले आ रहे हैं.
नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो (National Crime Record Bureau) के तहत उत्तर प्रदेश में आत्महत्या के मामले 2020 के मुकाबले 23 प्रतिशत बढ़े हैं. 2021 में 5,932 ने आत्महत्या की थी. उन्होंने कहा कि सत्ता संरक्षित अपराधी निरंतर बहन-बेटियों के साथ नृशंस अत्याचार कर रहे हैं. अपराधियों से मित्रता और झूठ बोलना ही भाजपाइयों का चरित्र है. कानपुर में हिस्ट्रीशीटर को उपमुख्यमंत्री का आशीर्वाद देते चित्र सामने आते हैं. ट्विटर पर अनर्गल टिप्पणी करने वाले उपमुख्यमंत्री की पोल खुल गई है. मुख्यमंत्री ने जिस दिन कहा, छेड़छाड़ के कारण स्कूल नहीं जाने वाली छात्राएं अब भयमुक्त है. उसी दिन राजधानी में लखनऊ के गोमती नगर में छेड़खानी से तंग कक्षा आठ की छात्रा ने स्कूल छोड़ने की खबर सुर्खियों में थी.
कहा कि सच तो यह है कि भाजपा नेतृत्व को न तो उत्तर प्रदेश के विकास से कोई मतलब है और न ही प्रदेशवासियों को भयमुक्त वातावरण देने की क्षमता है. भाजपा पूरी तरह पूंजीवादी चरित्र की पार्टी है. जनता को महंगाई की चक्की में पीसने के अलावा भाजपा सरकार ने जीएसटी, इनकम टैक्स के माध्यम से गरीबों और मध्यम वर्ग का खून चूसकर जहां पिछले 7 वर्षों में 11 लाख करोड़ का कर्ज उद्योगपति मित्रों का माफ किया गया है. वहीं, गरीब को स्वास्थ्य-शिक्षा के मामलों में अनाथ छोड़ दिया गया है. जनता इस गरीब, किसान, नौजवान विरोधी सरकार को कब तक बर्दाश्त करेगी?