लखनऊ : समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि 'सैफई में समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह का स्मारक (memorial of Mulayam Singh Yadav in Saifai) बनाया जाएगा. जीवन भर वह मिट्टी में रहकर पढ़े-लिखे, खेले और आगे बढ़े. राजनीति की तमाम परेशानियां गांव के लोगों की तमाम दिक्कतों को समझते हुए वह देश की राजनीति में ऊंचाई तक पहुंचे. सबसे ज्यादा लगाव उनको सैफई के प्रति था, इसलिए सैफई में मेमोरियल बनने जा रहा है. उनके जन्मदिन 22 नवंबर को हम सब लोग मिलकर इसका शिलान्यास करेंगे. 2027 तक हरहाल में इसका निर्माण कार्य पूरा कराने की कोशिश की जाएगी.
अखिलेश ने कहा कि 'आज हम सरदार पटेल को याद करते हैं, जिन्होंने देश को जोड़ा. देश को आजादी दिलाई. आचार्य नरेंद्र देव को याद करते हैं जिन्होंने हमें समाजवादी सिद्धांतों पर आगे बढ़ाने की प्रेरणा दी. समाजवादी आंदोलन को आगे बढ़ाया. नेताजी के मेमोरियल की जानकारी आपको दी गई है इसलिए क्योंकि नेताजी ने हमें विरासत में बहुत कुछ दिया है. इतने वर्षों तक उन्होंने संघर्ष करके समाजवादी आंदोलन को यहां पहुंचाया है. हमारी और नौजवानों की यही जिम्मेदारी है कि इस आंदोलन को और कैसे आगे लेकर जाएं. हमारी कोशिश होगी कि 2027 तक स्मारक बनकर तैयार हो जाए. उन्होंने कहा कि समाजवादियों ने लखनऊ में समाजवादी जयप्रकाश नारायण का मेमोरियल बनवाया, लेकिन इस सरकार ने समाजवादी जयप्रकाश को पॉलिथीन में ढककर रखा हुआ है. ऐसे समाजवादी नेताओं को दबाना चाह रही है. उनको छुपाना चाह रही है. यह बिल्कुल सही नहीं है. मुझे गेट से चढ़कर जाना पड़ा. वह गेट पर ताला लगाएंगे हम दीवारों से कूदकर जाएंगे.'
करा रहे फोन की जासूसी :बड़े नेताओं के फोन पर आ रहे एक अलर्ट मैसेज को लेकर अखिलेश यादव ने कहा कि 'बड़े दुख की बात है कि सुबह-सुबह जानकारी मिली कि इस तरह का मैसेज कंपनी के माध्यम से मोबाइल पर पहुंचा है. यह जो मैसेज बता रहा है कि आपका स्टेट एजेंसी की तरफ से या स्टेट की तरफ से मोबाइल हैक किया जा रहा है या जासूसी की जा रही है. यह बड़े दुख की बात है. आज हमारे लोकतंत्र में आजादी और आपकी प्राइवेसी को भी खत्म किया जा रहा है. आखिर जासूसी किसलिए? जासूसी इस सीमा तक कि जो पार्टी के बड़े नेता हैं उनका मोबाइल सर्विलांस पर ले लिया जाए. उनकी जानकारी ली जाए. यह बड़ा दुखद है. डेमोक्रेसी में इसकी कोई जगह नहीं है. सरकार जांच करके बताए ऐसा क्यों चल रहा है? विभिन्न पार्टियों के कई वरिष्ठ नेता हैं जिनके मोबाइल पर इस तरह का मैसेज आ रहा है. जासूसी से क्या होगा जो आप जानकारी हासिल कर रहे हैं, क्योंकि जनता ही आपके खिलाफ है. 115 करोड़ लोग भारतीय जनता पार्टी से नाराज हैं क्या सबको जेल भेज देंगे. लोगों को फोन हैक करना, हैकर्स को हायर करना यह वह लोग कर रहे हैं जिनको लोकतंत्र पसंद नहीं है. अखिलेश ने कहा कि एक बार यहीं पर नेताजी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी. तब यहीं पर हमारे फोन रिकॉर्ड किए गए थे. तब भी 31 तारीख थी, जिस सरकार ने फोन रिकॉर्ड कराए थे वह भी चली गई थी अब यह सरकार भी चली जाएगी.'