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अखिलेश यादव ने कहा, 'सैफई में बनेगा नेताजी का स्मारक, फोन की जासूसी लोकतंत्र पर हमला'

सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मंगलवार को राजधानी में प्रेस कॉन्फ्रेंस (SP National President Akhilesh Yadav) की. इस दौरान उन्होंने कहा कि 'समाजवादी पार्टी के संस्थापक और पूर्व सीएम मुलायम सिंह यादव का स्मारक सैफई में बनाया जाएगा.'

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 31, 2023, 4:41 PM IST

लखनऊ : समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि 'सैफई में समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह का स्मारक (memorial of Mulayam Singh Yadav in Saifai) बनाया जाएगा. जीवन भर वह मिट्टी में रहकर पढ़े-लिखे, खेले और आगे बढ़े. राजनीति की तमाम परेशानियां गांव के लोगों की तमाम दिक्कतों को समझते हुए वह देश की राजनीति में ऊंचाई तक पहुंचे. सबसे ज्यादा लगाव उनको सैफई के प्रति था, इसलिए सैफई में मेमोरियल बनने जा रहा है. उनके जन्मदिन 22 नवंबर को हम सब लोग मिलकर इसका शिलान्यास करेंगे. 2027 तक हरहाल में इसका निर्माण कार्य पूरा कराने की कोशिश की जाएगी.

अखिलेश ने कहा कि 'आज हम सरदार पटेल को याद करते हैं, जिन्होंने देश को जोड़ा. देश को आजादी दिलाई. आचार्य नरेंद्र देव को याद करते हैं जिन्होंने हमें समाजवादी सिद्धांतों पर आगे बढ़ाने की प्रेरणा दी. समाजवादी आंदोलन को आगे बढ़ाया. नेताजी के मेमोरियल की जानकारी आपको दी गई है इसलिए क्योंकि नेताजी ने हमें विरासत में बहुत कुछ दिया है. इतने वर्षों तक उन्होंने संघर्ष करके समाजवादी आंदोलन को यहां पहुंचाया है. हमारी और नौजवानों की यही जिम्मेदारी है कि इस आंदोलन को और कैसे आगे लेकर जाएं. हमारी कोशिश होगी कि 2027 तक स्मारक बनकर तैयार हो जाए. उन्होंने कहा कि समाजवादियों ने लखनऊ में समाजवादी जयप्रकाश नारायण का मेमोरियल बनवाया, लेकिन इस सरकार ने समाजवादी जयप्रकाश को पॉलिथीन में ढककर रखा हुआ है. ऐसे समाजवादी नेताओं को दबाना चाह रही है. उनको छुपाना चाह रही है. यह बिल्कुल सही नहीं है. मुझे गेट से चढ़कर जाना पड़ा. वह गेट पर ताला लगाएंगे हम दीवारों से कूदकर जाएंगे.'

करा रहे फोन की जासूसी :बड़े नेताओं के फोन पर आ रहे एक अलर्ट मैसेज को लेकर अखिलेश यादव ने कहा कि 'बड़े दुख की बात है कि सुबह-सुबह जानकारी मिली कि इस तरह का मैसेज कंपनी के माध्यम से मोबाइल पर पहुंचा है. यह जो मैसेज बता रहा है कि आपका स्टेट एजेंसी की तरफ से या स्टेट की तरफ से मोबाइल हैक किया जा रहा है या जासूसी की जा रही है. यह बड़े दुख की बात है. आज हमारे लोकतंत्र में आजादी और आपकी प्राइवेसी को भी खत्म किया जा रहा है. आखिर जासूसी किसलिए? जासूसी इस सीमा तक कि जो पार्टी के बड़े नेता हैं उनका मोबाइल सर्विलांस पर ले लिया जाए. उनकी जानकारी ली जाए. यह बड़ा दुखद है. डेमोक्रेसी में इसकी कोई जगह नहीं है. सरकार जांच करके बताए ऐसा क्यों चल रहा है? विभिन्न पार्टियों के कई वरिष्ठ नेता हैं जिनके मोबाइल पर इस तरह का मैसेज आ रहा है. जासूसी से क्या होगा जो आप जानकारी हासिल कर रहे हैं, क्योंकि जनता ही आपके खिलाफ है. 115 करोड़ लोग भारतीय जनता पार्टी से नाराज हैं क्या सबको जेल भेज देंगे. लोगों को फोन हैक करना, हैकर्स को हायर करना यह वह लोग कर रहे हैं जिनको लोकतंत्र पसंद नहीं है. अखिलेश ने कहा कि एक बार यहीं पर नेताजी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी. तब यहीं पर हमारे फोन रिकॉर्ड किए गए थे. तब भी 31 तारीख थी, जिस सरकार ने फोन रिकॉर्ड कराए थे वह भी चली गई थी अब यह सरकार भी चली जाएगी.'

इंटरनल सिक्योरिटी पर ध्यान दे सरकार :भारत की आजादी को इंटरनल सिक्योरिटी को ये लोग ठेस पहुंचा रहे हैं. केरल में जो घटना हुई वह भी इंटरनल सिक्योरिटी का ही मामला है. सरकार को इंटरनल सिक्योरिटी पर विशेष तौर पर ध्यान देना चाहिए. अरविंद केजरीवाल को ईडी का नोटिस मिल गया. इनकम टैक्स ईडी, सीबीआई नेताओं के पीछे लगा दी गई है. हाल ही में राहुल गांधी ने पूर्व राज्यपाल सतपाल मलिक का इंटरव्यू किया था, जिसमें पुलवामा पर सवाल खड़े किए थे, अखिलेश यादव ने कहा कि इस तरफ भी सरकार को ध्यान देना चाहिए. काफी गंभीर मामला है. बीजेपी के दलित सम्मेलन करने पर अखिलेश ने कहा कि 'यह बीजेपी के वही लोग हैं जो मिलने से पहले उन्हें साबुन से नहलाते हैं. साफ सुथरा होकर आएं. टूथब्रश करके आएं उसके बाद मुलाकात होगी. इस देश ने वह समय भी देखा है कि अगर किसी ने छू लिया तो नहाकर आते हैं. किसी का छुआ खाना नहीं खाते. वह घटनाएं हमने सुनी हैं. अगर कोई मंदिर से सामान उठा लिया तो उसकी जान चली गई.'



कहा कि 'महंगाई चरम सीमा पर है, बेरोजगारी है. चरम सीमा पर अन्याय हो रहा है और सरकार सुनने को तैयार नहीं है. देखने को तैयार नहीं है. गड्ढे में गाड़ी के डिसबैलेंस होने से बच्चों की जान चली गई. पिछले छह साल में इस सरकार ने कितनी बार कहा कि सड़क गड्ढा मुक्त करेंगे. क्या बताइए की घटना गड्ढे की वजह से नहीं हुई? इतना बड़ा एक्सीडेंट हो गया कि बच्चों की जान चली गई. डेंगू से लोगों की जान जा रही है किसी भी जिला अस्पताल में इलाज नहीं है. दवाइयां नहीं हैं. ऑपरेशन नहीं हो पा रहा है. पीजीआई जैसे प्रतिष्ठित संस्थान में बीजेपी के नेता और उनके पूर्व सांसद के बेटे को इलाज नहीं मिला उसकी जान चली गई. इसी पीजीआई में कई मंत्रियों की जान जा चुकी है. जिस समय कोरोना फैला था, इसी पीजीआई अस्पताल में मंत्रियों की जान गई है. यह जांच करके अपना पल्ला झाड़ रहे हैं. कोई जिम्मेदार अगर है तो मुख्यमंत्री खुद जिम्मेदार हैं, क्योंकि वह बजट नहीं दे रहे हैं. आखिरकार बजट कहां जा रहा है. आप बजट नहीं दोगे, अस्पतालों के कर्मचारियों का वेतन नहीं दोगे तो कैसे इलाज होगा? लोहिया इंस्टीट्यूट, सैफई मेडिकल कॉलेज या पीजीआई जैसे अन्य संस्थाओं में जिनको नौकरी मिल रही है वह एक ही कोचिंग के लोग हैं.'




अखिलेश ने निशाना साधते हुए कहा कि 'दूसरे प्रदेशों से जो अधिकारी लाए जा रहे हैं उनको समझाया जा रहा है कि आप अन्याय करिए और अन्याय करके यहां से चले जाना, आपका कुछ नहीं होगा. मोहम्मद आजम खान को क्यों इतनी परेशानी है, क्योंकि दूसरे स्थान से बुलाए गए अधिकारी ने उन्हें परेशान किया है. कानपुर में कारोबारी के बेटे की हत्या के मामले पर अखिलेश ने कहा कि उस परिवार पर क्या बीती होगी, यह लोग जिनके परिवार नहीं हैं वह उनका दुख नहीं समझ सकते.'

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