लखनऊ: समाजवादी पार्टी ने सोमवार को विधान परिषद में नदियों के प्रदूषण का मुद्दा उठाया. सपा सदस्य सुनील सिंह साजन अपने साथ गंगा, लोन और सई नदी का प्रदूषित पानी लेकर सदन में पहुंचे. उन्होंने जल शक्ति मंत्री से कहा कि, नदियों को स्वच्छ करने का दावा करने वाले मंत्री नदियों के इस जल से आचमन करके दिखाएं.
नदियों का प्रदूषित जल लेकर विधान परिषद पहुंचे सुनील सिंह साजन. सपा ने नदियों में जल प्रदूषण का मामला विधान परिषद में उठाया
सपा की ओर से शून्यकाल में नियम 105 के तहत नदियों में जल प्रदूषण का मामला विधान परिषद में उठाया गया. इस दौरान सपा एमएलसी सुनील सिंह साजन ने कहा कि, नदियों को प्रदूषण मुक्त करने को लेकर प्रदेश सरकार का झूठा प्रचार कर रही है. प्रदेश की राजधानी को गोमती रिवर फ्रंट के जरिए पूरी दुनिया में पहचान मिली थी, लेकिन राजनीतिक कारणों से उसे बंद कर गोमती नदी के प्रदूषण को और बढ़ाया जा रहा है. गंगा और यमुना जैसे प्राण दायिनी नदियों का प्रदूषण उनके सहायक नदियों के प्रदूषण को दूर किए बगैर ठीक नहीं हो सकता.
नदियों का प्रदूषित पानी लेकर विधान परिषद पहुंचे सुनील सिंह 'साजन'
सपा के सदस्य सुनील सिंह साजन ने कहा कि, उन्नाव की लोन नदी 147 किलोमीटर लंबी है, लेकिन सिर्फ 87 किलोमीटर की दूरी में बह रही है. इस नदी में फैक्ट्री व कारखानों की गंदगी पहुंच रही हैं. जिससे प्रदूषण का स्तर कई हजार गुना बढ़ गया है. प्रदूषण की वजह से उन्नाव के तीन विकास खंडों में लोग गंभीर बीमारियों का शिकार हो रहे हैं. अपने साथ लाए लोन, गंगा नदी और सई नदी के पानी को सदन में दिखाते हुए उन्होंने कहा कि, सरकार में बैठे मंत्री दावा कर रहे हैं कि, उन्होंने नदियों को स्वच्छ करा कर आचमन के लायक बना दिया है, तो यह पानी उनके सामने है और इससे आचमन करके दिखा दे.
इसे भी पढ़ें-लखनऊ: विधान परिषद में गूंजा अलीगढ़ हिंसा का मामला, विपक्ष ने कानून व्यवस्था पर सरकार को घेरा
भाजपा ने सदन में पानी की बोतल लाने का किया विरोध
इसका सत्ता पक्ष की ओर से यह कहकर विरोध किया गया कि, सदन की अनुमति के बगैर वह कैसे पानी की बोतल लेकर अंदर आ गए. सरकार की ओर से मंत्री मोहसिन रजा ने याद दिलाया कि पहले भी विधान सभा में पाउडर पाया गया था. इस पर सपा की ओर से नरेश उत्तम ने मोर्चा संभाला और कहा कि, जिसे विस्फोटक कहकर सरकार ने सनसनी फैलाने की कोशिश की थी. वह रंगाई-पुताई में काम आने वाला चूना निकला था. इसके बाद जवाब देने के लिए जल शक्ति मंत्री डॉ. महेंद्र सिंह उठे और उन्होंने नदियों को प्रदूषण मुक्त करने के लिए प्रदेश सरकार की ओर से उठाए गए कदमों की जानकारी दी.