लखनऊः चालीस वर्ष पुराने मारपीट व बलवा आदि के मामले में आरोपी सपा विधायक रविदास महरोत्रा (SP MLA Ravidas Mehrotra) बरी हो गए. एमपी-एमएलए कोर्ट (MP-MLA Court) के एसीजेएम अम्बरीष कुमार श्रीवास्तव (ACJM Ambrish Kumar Srivastava) ने मामले के आरोपी रहे विधायक रविदास महरोत्रा को साक्ष्य के आभाव में दोषमुक्त किया है. इस मामले में बरी करते हुए कोर्ट ने कहा की अभियोजन आरोपी के खिलाफ लगाये गए आरोपों को साबित नहीं कर पाया है. क्योंकि आरोपी के खिलाफ किसी गवाह ने गवाही नहीं दी. पत्रावली के अनुसार मामला 40 साल पुराना है.
40 साल पुराने मामले में विधायक रविदास मेहरोत्रा बरी, किसी गवाह ने नहीं दी गवाही
40 साल पुराने आपराधिक मामले में सपा विधायक रविदास मेहरोत्रा (SP MLA Ravidas Mehrotra) बरी हो गए. विधायक के खिलाफ अभियोजन के किसी गवाह ने गवाही नहीं दी.
बता दें कि मामला 6 सितंबर 1982 को हसनगंज में लखनऊ विश्वविद्यालय (Lucknow University) के सीनियर लाइब्रेरियन केसी श्रीवास्तव ने एफआईआर दर्ज कराई थी. जिसमें रविदास मेहरोत्रा पर आरोप लगाया गया कि वह दिन में साढ़े बारह बजे के करीब यूनियन भवन आए और ताला तोड़कर यूनियन भवन में घुस गए. इसके बाद तोड़फोड़ कर समान का नुक़सान किया.
बच्चों के अश्लील वीडियो बनाने वालों के खिलाफ चार्ज शीट
लखनऊ में बच्चों के अश्लील वीडियो (baby porn videos) बनाकर उन्हें नेट पर डालने और लोगों को फारवर्ड करने के मामले में सीबीआई ने बांदा निवासी रामभवन और तेलंगाना, हैदराबाद के टी अजय के खिलाफ सीबीआई ने चार्ज शीट दाखिल की है. चार्ज शीट पर संज्ञान के लिए सीबीआई की विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट समृद्धि मिश्रा ने 20 दिसम्बर की तारीख तय की है. कोर्ट में सीबीआई ने चार्जशीट दायर कर बताया की सीबीआई के इंस्पेक्टर प्रदीप कुमार त्रिपाठी की शिकायत पर 29 सितंबर 2021 को मामला दर्ज किया गया था. जिसमें विवेचना के दौरान पाया गया की राजू कंडारी नाम के ईमेल से आरोपी राम भवन को बच्चे का अश्लील सामग्री भेजी गई थी. जब ईमेल के बारे में पता किया गया तो जानकारी हुई की ईमेल तेलंगाना के टी अजय की है. आगे बताया गया कि विवेचना में आया कि आरोपी बच्चों के अश्लील वीडियो बनाकर उसे नेट के जरिए लोगो को उपलब्ध कराता था.
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