लखनऊ:इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने जल निगम भर्ती घोटाला मामले में समाजवादी पार्टी के नेता आजम खां की जमानत शुक्रवार को मंजूर कर दी. उनके खिलाफ कूटरचित दस्तावेजों के इस्तेमाल और भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर एफआईआर दर्ज की गयी थी. आजम खां के खिलाफ चार्जशीट भी दाखिल की गयी थी. आजम खां बीते दो साल से सीतापुर की जेल में बंद हैं.
हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने जल निगम भर्ती घोटाला मामले में आजम खां की जमानत याचिका को मंजूर कर लिया. मामले की सुनवाई के दौरान न्यायालय के पूछने पर राज्य सरकार के अधिवक्ता ने स्वीकार किया कि आजम खां के विरुद्ध आरोप पत्र में कोई भी सीधा साक्ष्य नहीं है. इसके बाद न्यायालय ने आजम खां को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया.
यह आदेश न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा की एकल पीठ ने पारित किया. इस मामले में आजम खां और एक अन्य अभियुक्त गिरिश चंद्र श्रीवास्तव पर जल निगम में 13 सौ भर्तियों में गड़बड़ी के आरोप में एफआईआर दर्ज हुई थी. मामले की विवेचना के उपरांत 24 मई 2021 को एसआईटी ने आरोप पत्र दाखिल कर दिया था. मामले की सुनवाई के दौरान आजम खां की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कम्पिल सिब्बल ने दलील दी कि आजम खां कैबिनेट मंत्री होने के साथ-साथ जल निगम के चेयरमैन भी थे.
भर्तियों के लिए होने वाली ऑनलाइन परीक्षा में एप्टेक कम्पनी को बतौर सेवा प्रदात्ता कम्पनी नियुक्त करने का जल निगम के एमडी की ओर से प्रस्ताव भेजा गया था, जिसे अभियुक्त ने अनुमोदित किया था. इसके अलावा इस मामले में उनकी कोई भूमिका सामने नहीं आई है. वहीं न्यायालय ने राज्य सरकार के अधिवक्ता से पूछा कि क्या आरोप पत्र में ऐसा कोई सीधा साक्ष्य है, जो अनियमितता में उनकी भूमिका को साबित करता हो. सरकार के अधिवक्ता ने स्वीकार किया कि कोई सीधा साक्ष्य नहीं है.