लखनऊ : लोकसभा चुनाव 2024 में जीत दर्ज करने को लेकर विपक्षी पार्टियों ने इंडिया गठबंधन बनाया है. साथ ही एनडीए को हराने की रणनीति तैयार की, लेकिन मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में सपा और कांग्रेस के बीच सीटों को लेकर मतभेद उभर कर सामने आ गए हैं. दोनों दल अलग-अलग चुनाव मैदान में हैं और एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं. ऐसे में अगर सपा कांग्रेस की यह तकरार आगे बढ़ी तो यूपी में कांग्रेस के लिए अखिलेश यादव बड़ी मुसीबतें खड़ी करने में सक्षम हैं.
दोनों दलों की लगातार बढ़ रही तल्खी :दरअसल मध्य प्रदेश में सपा-कांग्रेस गठबंधन के अंतर्गत दोनों दल सीटों को लेकर पूरी तरह से आमने सामने आ गए हैं. साथ ही सपा-कांग्रेस के बीच शुरू हुई तल्खी लगातार बढ़ रही है. कोई रुकने का नाम नहीं ले रहा है. जानकार बताते हैं कि सपा कांग्रेस के नेताओं की तरफ से लगातार हो रही बयानबाजी और एक दूसरे के प्रति गलत तरीके से बातचीत का अंजाम ठीक नहीं नजर आ रहा है. स्थिति यह हो गई है कि इंडिया गठबंधन पर इसका असर पड़ना तय माना जा रहा है. अखिलेश यादव भी बदली हुई परिस्थितियों में कांग्रेस के साथ रहना नहीं चाहते हैं. अगर यही स्थिति रही तो दोनों दल लोकसभा चुनाव में अलग अलग चुनाव लड़ेंगे और कांग्रेस के लिए यूपी में दो चार सीट जीतना भी मुश्किल हो सकता है.
रायबरेली अमेठी में कांग्रेस की राह मुश्किल करेंगे अखिलेश : सियासी जानकारी बताते हैं कि कांग्रेस के गढ़ कही जाने वाली रायबरेली अमेठी सहित कई अन्य सीटों पर अखिलेश यादव प्रत्याशी उतारकर कांग्रेस को मुंहतोड़ जवाब देने के मूड में हैं. अगर सपा की तरफ से रायबरेली अमेठी में उम्मीदवार चुनाव लड़ेंगे तो फिर कांग्रेस की के लिए बड़ी मुसीबत वाली बात होगी. अभी तक सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव राजनीतिक समझौते के तहत सोनिया गांधी, राहुल गांधी के खिलाफ प्रत्याशी नहीं उतारते थे. ऐसे में कांग्रेस की चुनावी राह आसान रहती थी. बहरहाल बदली परिस्थितियों में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने रायबरेली अमेठी में उम्मीदवार घोषित किए तो कांग्रेस मुसीबत पड़ सकती है.