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जीएसटी में बढ़ोतरी को लेकर अखिलेश यादव का तंज, कहा- दूध का दूध..दूधो नहाओ पर भी देना पड़ेगा टैक्स? - दूधो नहाओ पर भी देना पड़ेगा टैक्स

जीएसटी दरों में बढ़ोतरी और खानपान की कई वस्तुओं में जीएसटी लगाए जाने को लेकर सपा मुखिया अखिलेश यादव ने बीजेपी सरकार की चुटकी ली है. सोशल मीडिया पर उन्होंने क्या लिखा आइये खबर में जान लेते हैं.

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अखिलेश यादव

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Published : Jul 21, 2022, 12:37 PM IST

लखनऊ: जीएसटी (GST) दरों में बढ़ोतरी को लेकर सपा मुखिया अखिलेश यादव बीजेपी सरकार चुटकी लेते नजर आए. उन्होंने ट्वीट कर कहा है कि जन्माष्टमी से ठीक एक महीने पहले भाजपा सरकार दूध दही की कीमतें बढ़ाकर कृष्ण भक्तों को चोट पहुंचा रही है. इससे आहत होकर भोले-भाले कृष्ण भक्त पूछ रहे हैं कि दूध का जला अब...दूधो नहाओ जैसे मुहावरों पर भी जीएसटी देना पड़ेगा क्या?

बता दें कि चंडीगढ़ में हुई जीएसटी काउंसिल की बैठक के बाद बीते 18 जुलाई से पैकेटबंद और लेबल वाली कई चीजों पर जीएसटी लागू कर दिया गया है. इसके बाद से महंगाई की मार झेल रहे आम आदमी की मुश्किलें और बढ़ गई हैं. अब कई खाद्य वस्तुओं पर लोगों को जीएसटी चुकाना पड़ रहा है. इनमें घर में इस्तेमाल होने वाले कई जरूरी सामान शामिल हैं.

इससे पहले इन पर पहले जीएसटी नहीं लगाई गई थी. साथ ही कई चीजों पर जीएसटी की दर बढ़ा दी गई है. इसके चलते कई खाद्य वस्तुएं भी महंगी हो गई हैं. इनमें मछली, दही, पनीर, लस्सी, शहद, सूखा मखाना, सूखा सोयाबीन, मटर जैसे उत्पाद, गेहूं और अन्य अनाज तथा मुरमुरे जैसे सामान शामिल हैं. इन वस्तुओं में 5 फीसदी जीएटी लगाया गया है.

यह भी पढ़ें-जीएसटी दरों में बढ़ोतरी को लेकर अखिलेश यादव ने किया ट्वीट, लिखा- गई सारी तनख्वाह

इसी को लेकर सपा मुखिया अखिलेश यादव सोशल मीडिया के जरिए भाजपा सरकार की चुटकी ली है. उन्होंने ट्वीट कर लिखा है कि जन्माष्टमी के ठीक एक महीने पहले भाजपा सरकार ने दूध, दही, छाछ पर GST लगाकर जो चोट कृष्ण भक्तों को दी है, उससे आहत होकर हर एक भोला कृष्ण भक्त पूछ रहा है कि क्या अब दूध का जला, छाछ भी, दूध का दूध…दूधो नहाओ…दही जमना जैसे लोकोक्ति और मुहावरों पर भी GST देना पड़ेगा?

बता दें कि इससे पहले बीते 18 जुलाई को बढ़ी हुई दरें लागू होने के दिन भी अखिलेश यादव ने बीजेपी सरकार पर ट्वीट कर निशाना साधा था. उस दिन उन्होंने लिखा था कि जीएसटी की जो मार आम जनता पर पड़ी है, उससे दुखी होकर GST का एक नया भाव-अर्थ सामने आया है…‘गयी सारी तनख़्वाह’

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