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UP politics : कुर्मी-पटेल वोट के लिए भाजपा और सपा की चुनावी विसात, लोक सभा चुनाव में किसको मिलेगा साथ - यूपी की सियासत

यूपी में कुर्मी-पटेल वोट के लिए भाजपा और सपा के बीच सियासी तिकड़मबाजी चलती ही रहती है. इसी क्रम में सोनेलाल जयंती पर भी दोनों दलों ने अपने-अपने स्तर से सियासी दांव चले हैं.

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Published : Jul 3, 2023, 12:43 PM IST

लखनऊ : लोक सभा चुनाव 2024 से पहले सभी राजनीतिक दल सियासी गोटियां सेट करने में जुटे हुए है. जातिगत समीकरण साधने के लिए सभी दल अपनी-अपनी गणित लगा रहे हैं. ऐसे ही जातिगत समीकरण को साधने के लिए सोनेलाल पटेल जयंती का अवसर एनडीए ने चुना. इस मौके पर अनुप्रिया पटेल के साथ सभी सहयोगी दल एक साथ नजर आए. राजधानी लखनऊ के इंदिरागंधी प्रतिष्ठान में आयोजित सोनेलाल पटेल की 74वीं जयंती में गृह मंत्री अमित शाह, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी समेत एनडीए के कई नेता मौजूद रहे.

यूपी में कुर्मी-पटेल का आंकड़ा.

कुर्मी वोट को साधने का प्रयास

दरअसल, लोक सभा चुनाव 2024 से पहले एनडीए व विपक्ष में कुर्मी समाज का रहनुमा बनने की होड़ है. जिस तरह अपना दल (एस) के कार्यक्रम में शामिल होकर अमित शाह ने पटेल समाज के साथ ओबीसी को साधने का प्रयास किया और इस दौरान केंद्रीय योजनाओं का बखान किया. वहीं अन्य भाजपा नेताओं ने भी सरकार की योजनाएं गिनाईं. दूसरी तरफ अपना दल (कमेरावादी) के कार्यक्रम में अखिलेश यादव ने पटेल जाति को साधने की कोशिश की. दरअसल बीजेपी और समाजवादी पार्टी जानती है कि प्रदेश का आठ प्रतिशत कुर्मी वोट लोक सभा के चुनाव में अहम भूमिका निभाएंगे.






अनुप्रिया पटेल कुर्मी समाज की बनी छत्रप, पल्लवी ने सपा को किया मजबूत

यूपी में अपना दल के अस्तित्व में आने के बाद से ही कुर्मी वोट पर सोनेलाल पटेल के परिवार का दबदबा है. वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने अपना दल-एस की दो सीटें थीं और पार्टी ने दोनों सीटें जीतीं. वर्ष 2014 के लोक सभा चुनाव में एनडीए में रह कर अपना दल ने चुनाव लड़ा तो एक सांसद भी अपना दल से मिल गया. हालांकि जब अपना दल के दो फाड़ हुए तो सोनेलाल पटेल की छोटी बेटी अनुप्रिया पटेल कुर्मी समाज के एक बड़ी छत्रप के रूप में उभर कर आईं. वर्ष 2017 में बीजेपी के साथ मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ा और 11 सीटें में 9 सीटों पर जीत हासिल की. वर्ष 2022 के चुनाव में पार्टी के खाते में 17 सीटें आईं और 12 सीटों पर जीत हासिल हुई. स्थिति यह रही कि समाजवादी पार्टी और भाजपा के बाद अपना दल (एस) तीसरी बड़ी पार्टी बन कर उभरी थी.



अपना दल (कमेरावादी) 2022 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी का साथ गई तो कुर्मी वोट बैंक का छोटा सा हिस्सा समाजवादी पार्टी के पाले में आ गया. अनुप्रिया पटेल की बड़ी बहन पल्लवी पटेल ने ओबीसी के बड़े नेता केशव प्रसाद मौर्य को सिराथू सीट से हराया. इतना ही नहीं गैर यादव ओबीसी समाज का वोट भी समाजवादी प्रत्याशियों को मिला था. ऐसे में दोनों ही दलों को सोनेलाल पटेल व उनके परिवार की आगामी लोक सभा चुनाव में जरूरत है.


अपना दल के प्रदेश प्रवक्ता राजेश श्रीवास्तव ने बताया कि अपना दल के संस्थापक डॉ. सोनेलाल पटेल की जयंती समारोह के अवसर पर रविवार 2 जुलाई को ‘जन स्वाभिमान दिवस’ समारोह का आयोजन किया गया. समारोह में बतौर मुख्य अतिथि देश के गृह मंत्री अमित शाह, अति विशिष्ट अतिथि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व विशिष्ट अतिथि के रूप में उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य समेत कई वरिष्ठ नेताओं ने संबोधित किया. कार्यक्रम की अध्यक्षता अपना दल (एस) की राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं केंद्रीय वाणिज्य व उद्योग राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने की. बताया जा रहा है कि पटना में विपक्षी दलों की बैठक और लोकसभा चुनाव को लेकर विपक्षी एकता के जवाब में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने लखनऊ में शक्ति प्रदर्शन किया है.

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