उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

वर्षा लावारिश लाशों का करती हैं अंतिम संस्कार, बोलीं-'दूसरों की मदद करने से दिल से मिलता है सुकून'

कोरोना संक्रमण के दौरान जब लोग घरों में कैद रहे ऐसे समय में लखनऊ की एक बेटी (Social worker Varsha Verma) वर्षा वर्मा ने शवों का पूरे सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कराया.

Etv Bharat
Etv Bharat

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 16, 2023, 6:21 PM IST

संवाददाता अपर्णा शुक्ला की रिपोर्ट

लखनऊ : नवरात्रि पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मिशन शक्ति अभियान की शुरुआत की है. पूरे प्रदेश में मिशन शक्ति का अभियान काफी लोकप्रिय हुआ है. महिला अपराध पर लगाम लगाने में काफी सफलता मिली. भारत सरकार ने भी मिशन शक्ति अभियान को सराहा. केंद्रीय स्तर पर महिला सुरक्षा के लिए चलाए जाने वाले अभियान का नाम भी मिशन शक्ति रखा गया. राजधानी लखनऊ में भी एक ऐसी ही महिला है जो सामाजिक सरोकार कर रही हैं. जिनका नाम वर्षा वर्मा हैं. जो कोविड काल से ही आमजन मानस की सेवा व मदद कर रही हैं.

वर्षा वर्मा ने शवों का पूरे सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कराया (फाइल फोटो)

समाजसेवी वर्षा वर्मा ने बताया कि 'यदि कोई महिला दृढ़संकल्प करे तो क्या नहीं कर सकती है. फिर चाहे कुछ भी काम हो वह जरूर कर लेगी अगर उसके पास आत्मविश्वास है. उन्होंने बताया कि हमेशा से सामाजिक कार्यकर्ता बनना चाहती थीं, जरूरतमंदों के लिए मैं जो काम करती हूं, उसे कोई काम नहीं बल्कि सेवा समझ के करती हूं. जब मैं दूसरों की मदद करती हूं तो मुझे दिल से बहुत सुकून मिलता है. उन्होंने कहा कि आज की दौड़ में महिलाएं किसी से कम नहीं हैं. इसके अलावा प्रदेश सरकार भी महिला शक्ति को बढ़ावा देने के लिए मिशन शक्ति जैसे अभियान की शुरुआत कर चुकी है. बहुत सारी ऐसी योजनाएं हैं जो महिलाओं के लिए समर्पित हैं.'

परिवार ने किया सहयोग

ईटीवी भारत से वर्षा वर्मा ने बताया कि 'बचपन से ही मेरा एक सपना था कि मैं ऐसा काम करूं, जिससे मैं अधिक से अधिक लोगों से जुड़ सकूं. दूसरों की सेवा करूं. बचपन से ही मुझे दूसरों की मदद करना काफी अच्छा लगता था. 14 से 15 साल की उम्र में जब भी मैं कहीं जाती थी, अगर मुझे कोई गरीब व्यक्ति या कोई असहाय व्यक्ति दिख जाता था तो मैं उसकी मदद जरूर करती थी. यह चीज बड़े होने के साथ बढ़ती चली गई. यह कोई काम नहीं है बल्कि यह एक सेवा है जो मैं असहाय लोगों की करती हूं. मुझे इससे दिल से बहुत खुशी मिलती है. आत्म संतुष्टि मिलती है कि मैं किसी की मदद कर पा रही हूं. इसी सेवा को मैंने एक काम के तौर पर चुन लिया, जो मुझे हमेशा से बहुत अच्छा लगता था.'

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया था सम्मानित



उन्होंने बताया कि 'कोविड काल में जब कोई अपनों का साथ नहीं दे रहा था उस समय हमारी संस्था ने असहाय लोगों की मदद की. और लावारिस व्यक्तियों का दाह संस्कार करने की ठानी. उस समय बस दिमाग में यही चल रहा था कि जिनका कोई भी नहीं है उनका हम दाह संस्कार करेंगे. उनके लिए हम हमेशा खड़े रहेंगे. उनको हम अपना कंधा देंगे. उन्होंने कहा कि वह एक ऐसा दौर था जब स्थितियां बिल्कुल विपरीत थीं. लोग अपनों का साथ छोड़ कर जा रहे थे. सड़क पर अपनों को छोड़कर चले जाते थे या फिर घर की अगर किसी सदस्य की मौत हो जाती थी तो उसे छूते नहीं थे. यहां तक की दाह संस्कार में भी कोई शामिल नहीं होता था. उस समय हमने यह संकल्प लिया कि हम खुद फील्ड पर उतरेंगे और लावारिस लोगों का दाह संस्कार कराएंगे.'

आत्मरक्षा की भी शिक्षा है जरूरी



उन्होंने कहा कि 'इसके लिए जरूरी था कि हम आम जनता तक किस तरह से पहुंचेंगे जनता तक पहुंचाने के लिए हमने एक हेल्पलाइन नंबर जारी किया. तमाम एंबुलेंस की व्यवस्था की उस समय हमने लोगों को अपनी सेवाएं दीं. हमारे पास जब फोन आता था उस समय हम एक कॉल पर बिना कुछ सोचे समझे क्षेत्र में जाते थे और लावारिस लाश को लेकर आते थे और उसका दाह संस्कार करते थे. कोरोना काल में बहुत से जरूरतमंदों की हमने मदद की हेल्पलाइन नंबर पर जिसका भी फोन आता था और जिसे सच में हमारी आवश्यकता होती थी. उनकी हम मदद करने के लिए हमेशा खड़े रहते थे.'

समाजसेवी वर्षा वर्मा ने जरूरतमंदों की सेवा की

अब तक याद है कोरोना काल का एक केस : उन्होंने एक केस बताते हुए कहा कि 'कोरोना काल एक भयावह मंजर था. जिसे भूल पाना नामुमकिन है. सारे रिश्ते तर तर हो रहे थे. उन्होंने कहा कि मुझे अच्छे से याद है कि मैं एक 16 साल की लड़की की मदद करने के लिए पहुंची थी, जोकि एंबुलेंस में अपने पिता के शव के पास बैठ कर खूब रो रही थी, उनका दाह संस्कार कराने के लिए हम जा रहे थे. उसको रोता देखकर मुझे बिल्कुल भी रहा नहीं गया. मैंने उसे समझाया और शांत कराने की कोशिश कि तो वह मेरे ऊपर काफी तेज से चिल्लाई और उसने कहा था कि आप क्या समझेंगी मेरा दर्द कि मेरे ऊपर क्या बीत रही है. आज मैं अपने पिताजी का दाह संस्कार कराने के लिए जा रही हूं और बीते दिन ही मेरे छोटे भाई की मौत हुई है, अभी मेरे बड़े भाई भी बीमार हैं और उनकी आखिरी सांसें चल रही हैं. डर यह लग रहा है कि कहीं उन्हें कुछ न हो जाए. हमारे घर में तीन लोगों की एक साथ तबीयत बिगड़ी है. अगर उन्हें कुछ हो गया तो मैं और मेरी मां अकेली रह जाएंगी. उन्होंने कहा कि उस पल मैं कुछ कह नहीं सकती थी. पूरे रोंगटे मेरे खड़े हो गए. बहुत ही भयावह वह पल था. उस समय मैंने बहुत से लोगों को अपनों से दूर जाते हुए देखा था.



'हमेशा करूंगी आमजन की सेवा' :उन्होंने कहा कि 'जिस तरह से मैं अभी आम जनमानस की सेवा कर रही हूं. मेरा हमेशा से यह सपना रहा है और आज मैं उसे सपने को जी रही हूं. दूसरों की सेवा कर पा रही हूं और भविष्य में मेरी यही प्रार्थना है कि कभी कोई बेसहारा न हो. उन्होंने कहा कि मेरा तो कतरा-कतरा आम जनमानस की सेवा करने के लिए ही है, मैं दूसरों की मदद तब तक करती रहूंगी जब तक मैं इस दुनिया में हूं. उन्होंने कहा कि लखनऊ के अस्पतालों से अंबेडकरनगर, लखीमपुर खीरी, बस्ती, गोरखपुर, गोंडा, बहराइच, अयोध्या, सीतापुर, सिधौली, बनारस आदि जैसे शहरों में निशुल्क एंबुलेंस एवं निशुल्क शव वाहन के सेवाओं की जरूरत उम्मीद से कहीं ज्यादा है. हमारी संस्था की टैगलाइन है कि किसी भी वास्तविक सेवा के लिए संपर्क करें. इस बात के अस्तित्व को बनाए रखते हुए सेवा निरंतर लंबे समय से जरूरतमंद लोगों तक पहुंचाई जा रही है. अस्पतालों के डॉक्टर जो हमारी संस्था की निशुल्क सेवाओं के बारे में बखूबी जानते हैं वह अक्सर कोई जरूरतमंद तीमारदार को हमारा नंबर देकर हमारी निशुल्क सेवा के बारे में अवगत कराते हैं और प्रार्थना करते हैं कि उनके तीमारदार और पेशेंट को उनके गंतव्य तक पहुंचा दें. संस्था की पूरी कोशिश रहती है कि किसी भी जरूरतमंद व्यक्ति की गुहार खाली न जाए.'



उन्होंने बताया कि 'इन गाड़ियों को बुक करने के लिए किसी सोर्स की आवश्यकता नहीं है. आप जरूरतमंद हैं, सीधे नंबर पर कॉल करें. गाड़ी यदि खाली रही तो जरूर आपको दी जाएगी. उन्होंने कहा कि यह मत सोचिएगा कि किसी नेता, किसी बड़े आदमी से करवाएंगे तो ही गाड़ी मिलेगी. यह गाड़ी सिर्फ जरूरतमंद लोगों के लिए है. किसी सोर्स की आवश्यकता नहीं है.'

यह भी पढ़ें : मिशन शक्ति के चौथे चरण का CM YOGI ने किया शुभारंभ, बोले- 'अपराधियों से सख्ती से पेश आएगी पुलिस'

यह भी पढ़ें : महिला सुरक्षा और सम्मान के लिए सरकार चला रही कई योजनाएं, मिशन शक्ति के तहत शुरू हुआ विशेष अभियान

ABOUT THE AUTHOR

...view details