लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार बेसहारा और गरीबों की मदद के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही है. इसके लिए तमाम योजनाएं भी चलाई जा रही हैं. बेटी की शादी की चिंता किसको नहीं सताती है. इस चिंता को खत्म करने के लिए उत्तर प्रदेश विवाह अनुदान योजना की शुरुआत राज्य सरकार ने की थी. इसकी शुरुआत होते ही गरीब परिवार की बेटियों के पिता के माथे पर चिंता की लकीरें मिट गईं. यह योजना जिला समाज कल्याण विभाग की ओर से संचालित की जाती है. इस योजना के तहत राज्य के केवल अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक, सामान्य वर्ग के परिवारों की बेटियों को ही शामिल किया जाता है.
उत्तर प्रदेश विवाह अनुदान योजना के अंतर्गत राज्य सरकार द्वारा गरीब परिवार की बेटियों की शादी के लिए 51000 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाती है. विवाह के लिए किए जाने वाले आवेदन में पुत्र की आयु 18 वर्ष या उससे अधिक होनी चाहिए. इस योजना के तहत एक परिवार से अधिकतम दो लड़कियों के लिए अनुदान दिया जाता है. योजना के लाभ के लिए परिवार की वार्षिक आय गरीबी की सीमा के अंतर्गत होनी चाहिए. ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले लोगों के लिए वार्षिक आय 46080 रुपये होनी चाहिए और शहरी क्षेत्रों के लोगों की वार्षिक आय 56460 से अधिक नहीं होनी चाहिए.
विभागीय आंकड़े (ऑनलाइन)
वर्ष शादियां खर्च (रुपये में)
2019-20 1750 350.80 लाख
2020-21 865 175.80 लाख