वृद्धजन, दिव्यांग व विधवा के लिए यह योजना बनी सहारा, जानिए कैसे मिलेगा लाभ - उत्तर प्रदेश की खबर
उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से जरूरतमंदों के लिए तमाम योजनाएं संचालित की जा रही हैं. इसमें वृद्धजन, दिव्यांग व विधवा के लिए चलने वाली योजनाएं उनके लिए बहुत ही लाभदायक सिद्ध हो रही हैं.
लखनऊः
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Published : Jun 23, 2021, 7:20 AM IST
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Updated : Jun 23, 2021, 10:45 AM IST
लखनऊः क्या आपने कभी किसी वृद्ध या दिव्यांग को दुखदाई हालत में देखा है. क्या उन्हें देखकर आंखों में आंसू आए हैं. क्या उनकी मदद करने का मन किया है. अब अगर ऐसा कोई व्यक्ति दिखे तो मदद करना ज्यादा मुश्किल नहीं. बस, उसे समाज कल्याण विभाग (social welfare department) की योजनाओं के बारे में बताइए. जी हां, प्रदेश में समाज कल्याण विभाग कई ऐसी योजनाएं चला रहा है, जो बेसहाराओं का सहारा बनी हैं.
विभाग की ओर से वृद्धावस्था/किसान पेंशन योजना, प्राथमिक पाठशाला को अनुदान, पारिवारिक लाभ योजना, बुक बैंक योजना, राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालयों व छात्रावासों की स्थापना, आर्थिक समस्याओं के निराकरण के लिए, उत्पीड़न की घटनाओं में आर्थिक सहायता आदि के लिए अनुदान दिया जाता है. उत्तर प्रदेश सरकार के निर्देश पर विभाग द्वारा राष्ट्रीय वृद्धावस्था, विधवा व विकलांग पेंशन योजना संचालित की जा रही है. इस योजनाओं का लाभ आमजन को कैसे मिले, इसके लिए ईटीवी भारत ने जिला समाज कल्याण अधिकारी से खास बातचीत की.
ईटीवी भारत से खास बातचीत में जिला समाज कल्याण अधिकारी अमरनाथ यति ने बताया कि विभाग द्वारा राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना संचालित की जा रही है. इस योजना के अंतर्गत ऐसे लोग, जो 60 वर्ष या अधिक उम्र के हैं और गरीबी रेखा के अंतर्गत आते हैं, ऐसे व्यक्तियों के लिए पेंशन ₹500 प्रति माह की दर से प्रति त्रिमाही 1500 की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है. यह योजनाएं पूरी तरीके से कंप्यूटराइज्ड हैं. कोई भी गरीब व्यक्ति इस योजना के अंतर्गत http://sspy-up.gov.in की एकीकृत वेबसाइट पर अपना आवेदन कर सकता है. उन्होंने बताया कि योजना का लाभ लेने वाले लोगों को कुछ शर्तों का ध्यान रखना होगा.
लखनऊ
वृद्धावस्था पेंशन की पात्रता के लिए यह हैं शर्तें -
60 वर्ष की आयु पूरी कर चुका हो और उसका कोई भी पुत्र/पौत्र किसी सरकारी, अर्द्ध सरकारी, प्राधिकरण, कॉरपोरेशन में कार्यरत न हो.
ग्रामीण क्षेत्र के व्यक्तियों के लिए वर्ष 2002 की बीपीएल सूची में नाम दर्ज हो, साथी गरीबी रेखा का तहसील द्वारा जारी ऑनलाइन आय प्रमाण पत्र, जो ग्रामीण क्षेत्र में 46080 वार्षिक आय से अधिक न हो.
शहरी क्षेत्र में बीपीएल कार्ड, अंत्योदय कार्ड धारक, डूडा द्वारा सर्वेक्षित सूची में नाम अंकित होना आवश्यक है या गरीबी रेखा का तहसील द्वारा जारी ऑनलाइन आय प्रमाण पत्र 56460 वार्षिक आय से अधिक न हो.
आवेदन पत्र के साथ लगेंगे यह अभिलेख.
ग्रामीण क्षेत्र में बीपीएल सूची की प्रति व नगरीय क्षेत्र में बीपीएल कार्ड, अंत्योदय कार्ड धारक व डूडा द्वारा सर्वेक्षित सूची की छाया प्रति.
आयु के प्रमाणीकरण के लिए ग्रामीण क्षेत्र में परिवार रजिस्टर की नकल व नगरीय क्षेत्र में मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा प्रदत्त आयु प्रमाण पत्र/शैक्षिक अभिलेख व अन्य उम्र प्रमाणिक अभिलेख.
विधवा व दिव्यांग पेंशन योजना के नियम जिला समाज कल्याण अधिकारी ने बताया कि विभाग की ओर से राष्ट्रीय विधवा पेंशन योजना संचालित की जा रही है. इस योजना के अंतर्गत कोई भी गरीब विधवा महिला एकीकृत पेंशन पोर्टल की वेबसाइट (http://sspy-up.gov.in) पर आवेदन कर सकती है. योजना का लाभ लेने के लिए आवेदिका को पति की मृत्यु का प्रमाण पत्र, आवेदक व उसके परिवार की वार्षिक आय समस्त स्रोतों से ₹200000 तक हो, का आय प्रमाण पत्र देना होगा. स्वीकृति के बाद आवेदक को प्रतिमाह ₹500 की दर से त्रैमासिक 1500 रुपये सीबीएस खाते में आरटीजीएस के माध्यम से भुगतान किया जाता है. उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय दिव्यांग पेंशन योजना भी विभाग द्वारा संचालित की जा रही है. कोई भी गरीब दिव्यांग जो गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन कर रहा हो, जिसकी दिव्यांगता 40 परसेंट या उससे अधिक है, उसी को इस योजना का लाभ मिलेगा. इसके लिए आवेदक को मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा प्रदत्त विकलांगता प्रमाणपत्र व गरीबी रेखा का ग्रामीण क्षेत्र के लिए ₹46080 व शहरी क्षेत्र के लिए ₹56460 का प्रमाण पत्र देना होगा. स्वीकृति के बाद आवेदक को ₹500 प्रति माह की दर से त्रैमासिक चार किस्तों में आरटीजीएस के माध्यम से भुगतान किया जाएगा.