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लखनऊ: मास्टर डाटा छिपाया तो विद्यार्थियों को स्कॉलरशिप लेने में होगी दिक्कत

उत्तर प्रदेश में छात्रों को स्कॉलरशिप सुविधा देने के लिए खास तरह की व्यवस्था की गई है. इस बार समाज कल्याण विभाग की ओर से 630 संस्थानों को मास्टर डाटा प्लान तैयार करने के लिए कहा गया है. ऐसा न करने पर विद्यार्थियों को स्कॉलरशिप पाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है.

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Published : Nov 1, 2020, 12:01 PM IST

यूपी स्कॉलरशिप
यूपी स्कॉलरशिप

लखनऊ: आर्थिक रूप से कमजोर छात्र-छात्राओं के स्कॉलरशिप पर कोरोना का ग्रहण न लगे, इसके लिए समाज कल्याण विभाग ने अहम कदम उठाए हैं. समाज कल्याण विभाग की तरफ से 630 संस्थानों को मास्टर डाटा प्लान तैयार करने के लिए कहा गया है. इसमें छात्र-छात्राओं के स्कॉलरशिप के संबंध में जानकारी दी जाएगी.

इस बार सत्र 2020-2021 में स्कॉलरशिप के लिए सामान्य वर्ग के लिए 52,500 लाख रुपये और अनुसूचित जनजाति के लिए स्कॉलरशिप छात्रवृति के लिए 98,012 लाख रुपये के बजट को स्वीकृति प्रदान की गई है. इसमें कक्षा 9 से लेकर 12वीं तक के छात्र-छात्राओं को स्कॉलरशिप दी जाएगी.

समाज कल्याण विभाग की तरफ से हर वर्ष करीब 27 लाख अनुसूचित जनजाति और सामान्य वर्ग के विद्यार्थियों को स्कॉलरशिप दी जाती है. वहीं सरकार की ओर से पिछड़े वर्ग और अल्पसंख्यक वर्ग को मिलाकर उत्तर प्रदेश में कुल 60 लाख विद्यार्थियों को स्कॉलरशिप का लाभ मिलता है.

मानक के आधार पर छात्र-छात्राओं को मिलेगा वजीफा

वहीं इस बार छात्र-छात्राओं को स्कॉलरशिप देने को लेकर 12वीं में 60% अंक और स्नातक में 55% अंक होना अनिवार्य होगा. इससे छात्र-छात्राएं सरकार की ओर से चलाए जा रहे वजीफा योजना का लाभ ले सकते हैं.

समाज कल्याण अधिकारी अमरनाथ यती ने बताया कि इस बार मैनेजमेंट कोटे के छात्र-छात्राओं को स्कॉलरशिप नहीं दिया जाएगा. वहीं जीरो फीस की व्यवस्था भी इस बार खत्म कर दी जाएगी. साथ ही 12वीं में 60% और स्नातक में 55% वाले छात्र-छात्राओं को ही वजीफा का लाभ मिल पाएगा. मास्टर डाटा न देने वाले संस्थानों के विद्यार्थियों को इस बार वजीफा का लाभ नहीं मिलेगा.

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