उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

सोशल मीडिया के चैट और ऑडियो-वीडियो बन रहे रिश्तों में दरार के सबूत, काउंसर सच-झूठ का फैसला करने में जुटे

Lucknow Family Court : पारिवारिक न्यायालय में रोजाना 40 से 50 केस तलाक के आते हैं. इसमें ज्यादातर मामलों में सबूत के तौर पर दोनों पक्ष सोशल मीडिया चैट और ऑडियो-वीडियो को पेश कर रहे हैं.

Etv Bharat
Etv Bharat

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 23, 2023, 7:28 PM IST

लखनऊ : पारिवारिक न्यायालय में गुरुवार को एक केस तलाक का आया, जिसमें पति ने पत्नी के पर गंभीर आरोप लगाया. कहा, पत्नी का किसी गैर मर्द के साथ संबंध है. हालांकि दूसरी ओर पत्नी का भी यह दावा है कि पति का किसी गैर महिला के साथ संबंध है. इस मामले में पारिवारिक न्यायालय के काउंसलर को यह तय करना मुश्किल हो रहा था कि आखिरकार कौन सच बोलना है और कौन झूठ. काउंसलर ने एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर का सबूत मांगा है.

सबूत के तौर पर पति के पास कुछ भी नहीं था लेकिन, पत्नी के पास व्हाट्सएप और फेसबुक की चैटिंग थी. जिसमें पति की ही गर्लफ्रेंड ने पत्नी को सबसे पहले फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी. फिर उसे अपने बारें में बताया. इस दौरान उसने महिला के पति के साथ कुछ तस्वीरें और वीडियो भी साझा की. दोनों की आपस की बातचीत का ऑडियो क्लिप भी शेयर किया. जिसे पत्नी ने कोर्ट में सबूत के तौर पर सामने रखा.

पारिवारिक न्यायालय में बीते 30 साल से कार्यरत वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धांत कुमार ने बताया कि पति ने पत्नी पर गंभीर आरोप लगाए थे. जो महिला का चरित्र हनन कर सकता था. लेकिन, पत्नी ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया और इसके लिए आधार बनाया सोशल मीडिया को. पारिवारिक न्यायालय में तलाक के बड़े ही अजब गजब के आते हैं.

वर्तमान समय में रोजाना 40 से 50 तलाक के केस दर्ज हो रहे हैं. ऐसे में ज्यादातर केस में युगल अब सोशल मीडिया की चैट, ऑडियो और वीडियो भी सबूत के तौर पर इस्तेमाल कर रहे हैं. आज के समय में हर किसी के पास एंड्रायड मोबाइल है और उसमें किसी भी चीज के लिए स्क्रीनशॉट और रिकॉर्डिंग कर ली जाती है. 10 में से 4-5 केस ऐसे आते हैं जो सबूत के तौर पर किसी बातचीत या किसी एक्टिविटीज का स्क्रीनशॉट या वीडियो रिकॉर्डिंग सबूत के तौर पर न्यायालय में पेश करते हैं. कई बार बनते बनते रिश्ते इन सबूतों के कारण बिगड़ जाते हैं.

वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धांत कुमार ने बताया कि बुधवार को एक केस की सुनवाई थी. इस केस में पति-पत्नी दोनों ही गवर्नमेंट सर्विस में हैं. पति की पोस्टिंग गाजियाबाद में है तो पत्नी की कौशांबी में है. जबकि दोनों रहने वाले प्रतापगढ़ के हैं. प्रतापगढ़ में ही दोनों की शादी हुई थी. पिछले चार साल से दोनों शादी के बंधन में बंधे हुए हैं. लेकिन दोनों के पास इतना समय नहीं होता है कि एक दूसरे को समय दे पाएं.

दोनों ही अपने जिलों में किसी और के साथ रहने लगे. पति भी गाजियाबाद में किसी महिला से मिला और उसके साथ दोस्ती हुई. फिर रहने का फैसला कर लिया. वहीं महिला भी अपने किसी उच्च अधिकारी के साथ लिव इन में रहने लगी थी. एक दिन अचानक जब पति पत्नी से मिलने के लिए कौशांबी पहुंचा तो उसने किसी दूसरे मर्द की मौजूदगी देखी. पति को मौका मिल गया और इसका उसने फायदा उठाया.

पारिवारिक न्यायालय में पत्नी के ऊपर आरोप लगाते हुए तलाक की अर्जी लगा दी. हालांकि इस बीच पत्नी को भी पति के बारे में पहले से ही कुछ शक था. बाकी शक उसका दूर हो गया जब उसके गाजियाबाद के कुछ दोस्तों ने यह बताया कि वह किसी दूसरी लड़की के साथ घूम रहे थे. अधिवक्ता सिद्धांत कुमार ने बताया कि इस केस में मैं पत्नी की तरफ से केस लड़ रहा हूं. पत्नी के पास कुछ चैटिंग के प्रूफ हैं, जिसके तहत दोनों का तलाक होगा.

लेकिन, उससे पहले पत्नी के ऊपर लगाए गए गंभीर आरोप को भी साबित करना होगा. उन्होंने बताया की पत्नी के द्वारा मिली जानकारी के मुताबिक जब पति उससे मिलने के लिए रविवार को आते थे, उस समय वह जब उनके मोबाइल उठा लेती थी तो वह तुरंत नाराज हो जाते थे. एक दिन मोबाइल में व्हाट्सएप का नोटिफिकेशन आया पत्नी ने मोबाइल उठाया. व्हाट्सएप चेक किया. व्हाट्सएप पर पति की गर्लफ्रेंड के सारे चैट्स को पत्नी ने अपनी मोबाइल में स्क्रीनशॉट ले लिया. पत्नी ने जब पति से सवाल किया कि यह महिला कौन है तो पति ने जवाब दिया कि कोई नहीं सिर्फ मित्र है. उसी स्क्रीनशॉट को पत्नी ने सबूत के तौर पर अदालत में पेश किया है. फिलहाल अगले महीने की 15 तारीख को फैसला सुनाया जाएगा.

ये भी पढ़ेंः फैमिली कोर्ट में केस, महिला करती थी ऐप के जरिये गंदी बात, पोल खुली पति बना दुश्मन

ABOUT THE AUTHOR

...view details