लखनऊ : मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव में विकास नहीं बल्कि जातिवाद का मुद्दा हमेशा हावी रहा है. इसी हिसाब से राजनितिक दलों ने प्रत्याशियों को भी मैदान में उतारा है. इसी बीच एक लिस्ट सोशल मीडिया में वायरल हो रही है, जिसमें कहा जा रहा है कि यूपी पुलिस ने मैनपुरी उपचुनाव के लिए जिन पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाई है उसमें एक भी यादव पुलिस कर्मी नहीं है. यहां तक जारी सूची में पुलिस सिपाहियों व दारोगा के नाम के आगे उनकी जाति भी लिखी गई है. हालांकी यूपी पुलिस ने इस सूची को फर्जी करार दिया है.
तो मैनपुरी उपचुनाव में नहीं तैनात किए जाएंगे यादव पुलिसकर्मी, जानिए असली वजह
मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव में विकास नहीं बल्कि जातिवाद का मुद्दा हमेशा हावी रहा है. इसी हिसाब से राजनितिक दलों ने प्रत्याशियों को भी मैदान में उतारा है. इसी बीच एक लिस्ट सोशल मीडिया में वायरल हो रही है. जिसमें मैनपुरी उपचुनाव के लिए जिन पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाई है उसमें एक भी यादव पुलिसकर्मी नहीं है.
सोशल मीडिया (social media) में जो सूची वायरल हो रही है, वह एसएसपी एटा (SSP Etah) द्वारा जारी 387 पुलिसकर्मियों की सूची है. सूची के अनुसार इन सभी 387 सिपाही व सब इंस्पेक्टर की ड्यूटी मैनपुरी उप चुनाव में लगाई गई है. सूची में पुलिसकर्मी के नाम, पीएनओ नंबर, मोबाइल नंबर, तैनाती स्थान व जिम्मेदारी लिखी गई है. इसी सूची में एक और कॉलम है जो चर्चा का विषय बना हुआ है. सूची में हर पुलिसकर्मी के नाम के आगे उसकी जाति भी लिखी गई है. खासबात यह है कि इस सूची में एक भी यादव सिपाही की चुनाव में तैनाती नहीं की गई है. इस सूची में एसएसपी एटा उदय शंकर सिंह के हस्ताक्षर भी हैं.
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