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सोने की तस्करी के लिए लखनऊ का रास्ता चुन रहे तस्कर, जानिए कितना हुआ बरामद - former custom officer mahendra shukla

देश के किसी भी कोने में गोल्ड स्मगलिंग (Smuggling of gold) करनी हो तस्कर उसके लिए लखनऊ का रास्ता चुन रहे हैं. बीते दिनों लखनऊ एयरपोर्ट में एक गोल्ड तस्कर के पास से 46 लाख रुपए की कीमत का सोना बरामद किया गया. चौंकाने वाली बात ये रही कि पकड़े जाने से पहले वह कई बार अलग-अलग नाम और पहचान से गोल्ड की तस्करी कर चुका था.

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Published : Dec 14, 2022, 11:21 AM IST

लखनऊ :देश के किसी भी कोने में गोल्ड स्मगलिंग (Smuggling of gold) करनी हो तस्कर उसके लिए लखनऊ का रास्ता चुन रहे हैं. यही वजह है कि बीते पांच वर्षों में राजधानी में 300 किलो से अधिक सोना कस्टम व राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) जब्त कर चुकी है. बीते दिनों लखनऊ एयरपोर्ट में एक गोल्ड तस्कर के पास से 46 लाख रुपए की कीमत का सोना बरामद किया गया. चौंकाने वाली बात ये रही कि पकड़े जाने से पहले वह कई बार अलग-अलग नाम और पहचान से गोल्ड की तस्करी कर चुका था. यही नहीं वह म्यांमार, दुबई समेत कई देशों से गोल्ड लाकर भारत के अलग-अलग राज्यों में डिलीवरी देने के लिए लखनऊ के ही रास्ते का इस्तेमाल करता था.

साल 2022 की फरवरी मे चौधरी चरण सिंह एयरपोर्ट लखनऊ में मस्कट से लाया गया डेढ़ करोड़ की कीमत का ढाई किलो सोना पकड़ा गया. अप्रैल में दुबई से तस्करी कर लाया गया 24 लाख का सोना कस्टम ने जब्त किया. मई के माह में शारजाह से एक तस्कर प्लेन के बाथरूम में सोना छिपाकर लखनऊ लाया, जहां से वह नेपाल ले जाने वाला था. जुलाई में दुबई से आया एक व्यक्ति अपने गुप्तांग के पास छिपाकर 20 लाख का सोना तस्करी करने की फिराक में था, जिसे कस्टम ने गिरफ्तार कर लिया. अगस्त माह में कस्टम की चौकसी को देखते हुए गोल्ड तस्कर 36 लाख की कीमत की सोने की छड़े डस्टबिन में डालकर चले गए. सितंबर को रियाद से आए तस्कर के पास से 86 लाख का सोना बरामद हुआ, वह इसे गोरखपुर के रास्ते नेपाल में तस्करी करने की योजना में था. इस साल लगभग हर माह गोल्ड तस्कर को करोड़ों के सोने के साथ पकड़ा गया, साफ है कि गोल्ड स्मगलिंग के लिए तस्करों ने लखनऊ को हब बना लिया है.

पकड़ा गया सोना (फाइल फोटो)




कस्टम अधिकारी अजय मिश्र (Custom Officer Ajay Mishra) बताते हैं कि बीते तीन साल के आंकड़ों पर गौर करें तो साल 2019-20 व 2020-21 वित्तीय वर्ष से अधिक 2021-22 में लखनऊ में सोना बरामद किया गया है. इसके पीछे का कारण है कि कोरोनाकाल में सभी अधिक लाभ देने वाले धंधे ठप पड़ गए थे. ऐसे में एक सोना ही ऐसा है जो सबसे अधिक लाभ देता है. जिस वजह से सोने की तस्करी लगातार बढ़ रही है. अधिकारी मुताबिक, साल 2019-20 में 51.73 किलो सोना लखनऊ एयरपोर्ट पर पकड़ा गया था, जिसकी कीमत 13.36 करोड़ थी. वहीं, 2020-21 वित्तीय साल में 14.04 करोड़ की कीमत का 26.62 किलो सोना जब्त किया गया था. सबसे ज्यादा मौजूदा वित्तीय साल 2021-22 में सोना जब्त किया गया है. इस साल 53.67 किलो सोना पकड़ा गया है, जिसकी कीमत 29.54 करोड़ रुपए थी.

कुछ इस तरह से की जाती है सोने की तस्करी

कस्टम अधिकारी के मुताबिक, अब तक गिरफ्तार हुए गोल्ड स्मगलर की हिस्ट्री को पढ़ने पर यह सामने आया है कि भारत में सोने की स्मगलिंग (Smuggling of gold) शारजाह, दुबई, बैंकाॅक, मस्कट व सऊदी से होती है, हालांकि अब इसका दायरा बढ़ चुका है और म्यांमार, चीन, ताइवान और हांगकांग के रास्ते भी सोना भारत लाया जा रहा है. अधिकारी के मुताबिक, खाड़ी देशों में सोना कस्टम फ्री होता है, जबकि भारत में कस्टम फीस व जीएसटी को मिला लें तो सोना 6 लाख रुपये अधिक पड़ता है, जिस कारण स्मगलिंग की जाती है.



ऐसा नहीं है कि लखनऊ के चौधरी चरण सिंह अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट में पकड़े जाने वाला सोना सिर्फ लखनऊ के लिए ही लाया जाता है, बल्कि इंटरनेशनल स्मगलर लखनऊ को सिर्फ एक रास्ते के रूप में इस्तेमाल करते हैं. यहां से देश के कोने-कोने तक गोल्ड स्मगल किया जाता है. यही नहीं भारत के पड़ोसी देशों जैसे म्यांमार, भूटान, नेपाल व बांग्लादेश के रास्ते भी भारत में सोना तस्करी किया जाता है. इस बात की तस्दीक राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) के साल 2018 से 2021 तक के आंकड़े करते हैं. यह आंकड़े बताते हैं कि DRI की यूपी यूनिट ने विभिन्न माध्यमों से तस्करी किए जाने वाले करीब 286 किलो सोने को जब्त किया है. इसकी भारत में कीमत करीब 1.43 अरब है. इसमें सबसे ज्यादा सोना साल 2021 में स्मगल किया गया है.




क्यों होती है गोल्ड की तस्करी :दरअसल, भारत में आर्थिक सुधार से पहले सोने की तस्करी जोरों पर थी, लेकिन 90 के दशक में गोल्ड कंट्रोल एक्ट 1960 पर फिर से विचार किया गया. यह एक्ट गहने छोड़कर हर तरह के गोल्ड के निर्यात पर पाबंदी लगाता था. आर्थिक सुधारों के बाद गोल्ड की तस्करी लगभग खत्म हो गई, क्योंकि सीमा शुल्क महज 2 प्रतिशत ही था. ऐसे में तस्करी करने में कोई मुनाफा नहीं मिलना था. साल 2013 के बाद केंद्र सरकार ने फिर से नियमों में बदलाव किया और सोने पर लगने वाली ड्यूटी चार गुना बढ़ा दी. ऐसे में सस्ते सोने की चाहत ने सोने की तस्करी को एक बार फिर बढ़ा दिया. सोने की तस्करी करने के लिए तस्कर कई नायाब तरीके निकालते हैं. लखनऊ के चौधरी चरण सिंह एयरपोर्ट में तस्करी करने वाले कभी सूटकेस का हैंडल सोने का बनवाकर लाते हैं, तो कभी बालों की विग में सोना छिपाकर लाया जाता है.

पूर्व कस्टम अधिकारी महेंद्र शुक्ला (former custom officer mahendra shukla) बताते हैं कि अधिकारी जिस तस्कर को सोने के साथ पकड़ता है वो असल में महज गिरोह का एक कुरियर होता है, जिसे सोने के तस्करी करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. इन्हें तस्करी करने के तरीकों के बारे में पहले से ही बाकायदा ट्रेनिंग दी जाती है. कई बार वो शिकंजे में आ जाते हैं और उनका सोना जब्त हो जाता है. महेंद्र बताते हैं कि ये तस्कर 700 ग्राम से ज्यादा सोना नहीं लाते हैं, क्योंकि 700 ग्राम से कम व 20 लाख की कीमत तक का सोना मिलने पर तस्कर गिरफ्तार नहीं होता है, बस सोना ही जब्त किया जाता है.

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