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श्रमिकों में जागरूकता के लिए स्मॉल इंडस्ट्रीज एसोसिएशन एक हजार गांव में खोलेगा कोविड केंद्र - Covid centers in villages

स्मॉल इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के चेयरमैन शैलेन्द्र श्रीवास्तव कहते हैं कि अभी श्रमिकों में जागरूकता की भारी कमी है. वह कोविड-19 को मानने को तैयार नहीं है. श्रमिक कहते हैं कि 'हम तो ठीक हैं, हमें कोई कोरोना नहीं हुआ है.' इसी को देखते हुए संगठन ने लखनऊ और आसपास के एक हजार गांव में कोविड-19 जागरूकता केंद्र खोलने का अभियान शुरू किया है.

स्मॉल इंडस्ट्रीज एसोसिएशन एक हजार गांव में खोलेगा कोविड केंद्र
स्मॉल इंडस्ट्रीज एसोसिएशन एक हजार गांव में खोलेगा कोविड केंद्र

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Published : May 18, 2021, 9:05 AM IST

लखनऊः स्मॉल इंडस्ट्रीज एसोसिएशन की तरफ से एक हजार गांवों में कोविड-19 जागरूकता केंद्र खोले जाएंगे. इसके माध्यम से इंडस्ट्री में काम करने वाले श्रमिकों और उनके परिजनों को जागरूक किया जाएगा. गांवों में सेनेटाइजेशन किया जाएगा. औद्योगिक क्षेत्र के पार्कों में आरोग्य वाटिका भी लगाई जाएगी. एसोसिएशन आज 10 गांव से इसकी शुरुआत करने जा रहा है. इसके बाद धीरे-धीरे लखनऊ और उसके आसपास के गांव में इस प्रकार के जागरूकता केंद्र खोले जाएंगे.

अभियान की शुरुआत सरोजिनी नगर क्षेत्र से होगी
एसोसिएशन के चेयरमैन शैलेन्द्र श्रीवास्तव कहते हैं कि अभी श्रमिकों में जागरूकता की भारी कमी है. वह कोविड-19 को मानने को तैयार नहीं है. श्रमिक कहते हैं कि 'हम तो ठीक हैं, हमें कोई कोरोना नहीं हुआ है.' इसी को देखते हुए संगठन ने लखनऊ और आसपास के एक हजार गांव में कोविड-19 जागरूकता केंद्र खोलने का अभियान शुरू किया है.

पढ़ें-विश्व स्वास्थ्य संगठन के दावों से मेल नहीं खा रहा यूपी सरकार का कोविड टेस्टिंग डेटा

अभियान के तहत उसी गांव से वालंटियर को जोड़कर जागरूकता करेंगे. गांव की टीम को एक किट प्रदान की जाएगी. उसमें ऑक्सीमीटर, एक थर्मामीटर, मास्क, सैनिटाइजर जैसी चीजें होंगी. पूरे गांव का सैनिटाइजेशन किया जाएगा. इस अभियान में पंचायती राज विभाग भी हमारा साथ देने को तैयार है. इसी के तहत गांव में आरोग्य वाटिका लगाई जाएगी. अभियान की शुरुआत मंगलवार को सरोजिनी नगर क्षेत्र से किया जाएगा.

गांवों में ही रोजगार देने की होगी पहल

शैलेन्द्र श्रीवास्तव ने बताया कि प्रदेश के उद्यमियों के लिए यह एक अवसर है कि वह अपने क्षेत्र के श्रमिक भाइयों को उनके ही गांव में रोजगार मुहैया कराएं. उन्हें गांव छोड़कर या प्रदेश छोड़कर दूसरे जगहों पर ना जाना पड़े. हमारा एसोसिएशन इस तरह से श्रमिकों को जोड़ने का एक अभियान चलाएगा. श्रमिकों को स्थानीय स्तर पर काम मिले, इसके लिए हम प्रयास करेंगे. श्रमिकों को उनके हुनर के हिसाब से रोजगार से जोड़ने की कवायद भी शुरू कर दी गयी है.

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