लखनऊ: राजधानी लखनऊ में स्मार्ट सिटी परियोजना के अंतर्गत होने वाले विकास कार्य अफसरों की लापरवाही की वजह से सुस्त चल रहे हैं. इसकी वजह से जनता को तमाम तरह की परेशानियों का भी सामना करना पड़ रहा है. केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार बनने के बाद राजधानी लखनऊ को स्मार्ट सिटी का दर्जा दिया गया था और उसी के अनुरूप स्मार्ट सिटी परियोजनाओं के अंतर्गत तमाम तरह के विकास कार्य होने थे. लेकिन 6 साल से अधिक समय बीत चुका है और स्मार्ट सिटी परियोजना की तमाम योजनाएं धरातल तक नहीं उतर पाई है. जिसका खामियाजा लखनऊ के लोगों को भुगतना पड़ रहा है.
सीवर लाइन डालने का काम भी अधूरा
राजधानी में सीवर लाइन डालने से लेकर जल निगम के कामकाज में भी काफी लेटलतीफी हो रही है. ऐसे में लगभग आधे से अधिक शहर की स्थिति बदहाल है. जगह-जगह सड़क खुदी पड़ी है, तो तमाम जगहों पर सड़कों की भी बदहाली साफ नजर आती है. यही नहीं बिजली व अन्य दूरसंचार से संबंधित तारों के मकड़जाल को भी समाप्त करने की योजना थी और उसे अंडर ग्राउंड करना था. बावजूद इसके अभी भी शहर में हर तरफ बिजली के तारों का मकड़जाल साफ-साफ नजर आता है. इन्हें अंडरग्राउंड करने का काम अभी भी नहीं हो पाया है.
चौराहों पर पेडेस्ट्रियन क्रॉसिंग का भी फंसा
इसके अलावा राजधानी लखनऊ के प्रमुख चौराहों में पेडेस्ट्रियन क्रॉसिंग का भी काम किया जाना था, लेकिन यह काम भी अभी शुरू नहीं हो पाया है. वहीं अक्सर यह दावा करते हैं कि शहर में स्मार्ट सिटी परियोजना की रफ्तार सुस्त नहीं है. धीरे-धीरे काम आगे बढ़ रहे हैं कई परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं तो बाकी काम भी टेंडर प्रक्रिया के अंतर्गत चल रहे हैं. जल्द ही सभी तरह की योजनाओं को पूरा करने का काम किया जाएगा.
बस स्टॉप बनाने का काम भी आधा अधूरा
इसके अलावा लखनऊ में स्मार्ट सिटी परियोजना के अंतर्गत प्रमुख चौराहों और प्रमुख मार्गों में बस स्टॉप बनाने थे. जिसका काम भी अभी आधा अधूरा ही है. कुछ जगहों पर उसका स्ट्रक्चर बनकर तैयार है, तो वहीं पर कुर्सी आदि लगाने का काम भी अभी तक नहीं हो पाया. ऐसे में बस स्टॉपेज पर सड़कों का इंतजार करने वाले लोगों को भी समस्याओं का सामना करना पड़ता है.