लखनऊ : प्रदेश के दूरस्थ एवं ग्रामीण परिवेश में रह रहे युवा व उम्र दराज लोगों को संगीत सीखने की संभावना को बढ़ाने के लिए उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी (एसएनए) अब खुद आगे आया है. संस्थान अब ऐसे कलाकारों को तलाश कर उनकी प्रतिभा को निखारने और उनका प्रदर्शन कराएगी जो मोजूदा वक्त गुमनामी में हैं. संगीत नाटक अकादमी के निदेशक डॉ. शोभित कुमार नाहर का कहना है कि उत्तर प्रदेश के कुछ जिलों को छोड़ दें तो शेष जिलों में संगीत सीखने की बेहतर व्यवस्था नहीं है. ऐसे में दूरस्थ जिलों की नई पीढ़ी को संगीत से जोड़ने के लिए अकादमी की ओर से एक पहल शुरू की गई है. इसके तहत प्रदेश के शिक्षण संस्थाओं का चयन कर वहां पर बच्चों को संगीत शिक्षा दी जाएगी. साथ ही विश्वविद्यालय और डिग्री कॉलेज से अनुबंध कर वहां भी वर्कशॉप कराई जाएंगी.
पहले चरण में पांच जिलों को किया गया शामिल : एसएनए के डायरेक्टर डॉ. शोभित कुमार नाहर ने बताया कि गायन, वादन और नृत्य से जुड़ी विधाओं को सीखने के लिए प्रदेश के कई जिलों में अब भी सही साधन मौजूद नहीं हैं. विशेष तौर पर छोटे जिलों में तो विद्यालय स्तर पर संगीत की शिक्षा देने के लिए शिक्षक ही नहीं हैं. हालांकि नई शिक्षा नीति (एनईपी)-2020 में विद्यालय स्तर पर संगीत शिक्षा देने की बात कही गई है. इसी को ध्यान में रखते हुए संगीत नाटक अकादमी ने संगीत व उससे जुड़ी चीजों को उभारने के साथ ही ग्रामीण परिवेश के युवा और संगीत प्रेमियों को मौका देने की शुरुआत की है. इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश के पांच जिलों महोबा, शाहजहांपुर, पीलीभीत, लखीमपुर और गोंडा के एक-एक माध्यमिक विद्यालय का चयन किया गया है. इन विद्यालयों में एसएनए की तरफ से संगीत विद्या से जुड़े विशेषज्ञों को संगीत शिक्षा देने के लिए भेजा जाएगा.
भातखंडे संस्कृति विवि में समारोह : भातखंडे संस्कृति विश्वविद्यालय में संगीत के मैहर घराने के संस्थापक उस्ताद अलाउद्दीन खां की बेटी सितार वादिका अन्नपूर्णा देवी की स्मृति में तीन दिवसीय अन्नपूर्णेश्वरी समारोह की शुरुआत हुई. जिसमें अन्नपूर्णा देवी के शिष्य बांसुरी वादक पं नित्यानंद हल्दीपुर, सरोद वादक पं बसंत काबरा और सितार वादिका विदुषी संध्या आप्टे स्टूडेंट्स को संगीत के गुर सिखा रहे हैं. इससे पहले विश्वविद्यालय परिसर में संगीतज्ञों ने स्टूडेंट्स को संगीत का प्रशिक्षण दिया. अलाउद्दीन खां की जीवन यात्रा पर पं लच्छू महाराज कक्ष में प्रदर्शनी लगाई गई.