लखनऊ: प्रयागराज के एसएसपी अभिषेक दीक्षित के निलंबन के बाद शासन ने 6 आईपीएस अधिकारियों का ट्रांसफर कर दिया है. लखनऊ में डीसीपी वेस्ट के तद पर तैनात आईपीएस अधिकारी सर्वक्षेष्ठ त्रिपाठी को डीआईजी/ एसएसपी प्रयागराज के पद पर नई तैनाती दी गई है. बीते दिनों डीआईजी रैंक पर प्रमोशन के बाद से ही सर्वक्षेष्ठ त्रिपाठी के ट्रांसफर के कयास लगाए जा रहे थे. वहीं अब शासन ने आईपीएस अधिकारी सर्वक्षेष्ठ त्रिपाठी को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी देते हुए प्रयागराज के डीआईजी/एसएसपी के पद पर तैनाती दी है. इसी के साथ पांच अन्य आईपीएस अधिकारियों के ट्रांसफर भी किए गए हैं.
यूपी: 6 IPS अधिकारियों का तबादला, सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी बने प्रयागराज के नए एसएसपी
16:14 September 08
प्रयागराज के एसएसपी अभिषेक दीक्षित के निलंबन के बाद शासन ने 6 आईपीएस अधिकारियों का ट्रांसफर कर दिया है. वहीं सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी को प्रयागराज का नया एसएसपी बनाया गया है.
शासन की ओर से जारी निर्देशों के तहत आईपीएस पुष्पांजलि को पुलिस उपमहानिरीक्षक रेलवे लखनऊ, आईपीएस मनोज कुमार को पुलिस उपमहानिरीक्षक पीएसी लखनऊ, आईपीएस गंगा नाथ त्रिपाठी को पुलिस उपमहानिरीक्षक भ्रष्टाचार निवारण संगठन, आईपीएस अखिलेश कुमार निगम को पुलिस अधीक्षक विशेष अनुसंधान शाखा सहकारिता उत्तर प्रदेश लखनऊ, आईपीएस देवेश कुमार पांडे को पुलिस उपायुक्त लखनऊ के पद पर तैनाती दी गई है.
योगी आदित्यनाथ की सरकार ने अनियमितता व सरकार की मंशा के अनुरूप कार्य न करने को लेकर प्रयागराज के एसएसपी अभिषेक दीक्षित को निलंबित कर दिया है. अभिषेक के निलंबन को लेकर गृह विभाग की ओर से पत्र जारी किया गया. गृह विभाग से मिली जानकारी के अनुसार दीक्षित द्वारा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रयागराज के रूप में तैनाती की अवधि में अनियमितताएं किए जाने और शासन के निर्देशों का अनुपालन सही ढंग से नहीं किए जाने के आरोप थे. वहीं दीक्षित पर पोस्टिंग में भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिए जाने के आरोप भी लगे थे. जिसके बाद उनका निलंबन किया गया है.
वहीं गृह विभाग ने यह भी जानकारी दी है कि मुख्यालय के निर्देशों के अनुरूप निर्धारित रूप में फुट पेट्रोलिंग न किए जाने, बैंक और आर्थिक व्यवसायिक प्रतिष्ठानों की सुरक्षा एवं बाइकर्स द्वारा की जाने वाली लूट की घटनाओं पर रोकथाम के लिए प्रभावी कार्रवाई न करने को लेकर भी शासन ने कार्रवाई की है. अभिषेक दीक्षित के निलंबन के पीछे एक बड़ा कारण पिछले 3 माह में लंबित विवेचना में लगातार हो रही बढ़ोतरी भी है.