राजधानी में डेंगू का डंक, मिले छह मरीज
राजधानी में कोरोना के मरीज अभी मिलने कुछ कम ही हुए थे कि डेंगू के नए मरीज सामने आए हैं. लखनऊ में सोमवार को तीन बजे तक कुल छह मरीजों में डेंगू के लक्षण पाए गए हैं, जिन्हें फिलहाल डॉक्टर की निगरानी में रखा गया है.
लखनऊ: राजधानी में रोजाना डेंगू के मरीज मिल रहे हैं. ऐसे में डेंगू के खतरों से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने तैयारी तेज कर दी हैं. सभी अस्पतालों में डेंगू वार्ड बनाने के निर्देश दिया गया है. वहीं घर-घर डेंगू मच्छर के लार्वा की जांच जारी है. अब तक करीब 700 लोगों के घरों में लार्वा की पुष्टि हो चुकी है. इन्हें नोटिस जारी की गई है. सोमवार को तीन बजे तक कुल छह मरीजों में डेंगू के लक्षण पाए गए हैं, जिन्हें फिलहाल डॉक्टर की निगरानी में रखा गया है. दो मरीज की प्लेटलेट्स कम हैं. जिसकी वजह से उसे अस्पताल में भर्ती कर लिया गया. बाकी चार की स्थिति फिलहाल सामान्य है जिन्हें शाम तक डिस्चार्ज कर दिया जाएगा.
मालूम हो कि अब तक करीब 89 लोगों में डेंगू की पुष्टि हो चुकी है. डिप्टी सीएमओ डॉ. केपी त्रिपाठी के मुताबिक प्रत्येक पीएचसी पर चार बेड डेंगू मरीजों के लिए आरक्षित करने के निर्देश दिए गए हैं. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर आठ बेड आरक्षित होंगे. वहीं, बड़े अस्पतालों में 30 बेड का वार्ड बनेगा. सिविल अस्पताल में 30 बेड का वार्ड बनाया जा चुका है. बलरामपुर अस्पताल में भी डेंगू वार्ड बन चुका है.
जांच की पुख्ता व्यवस्था
राजधानी के सिविल अस्पताल, बलरामपुर अस्पताल, सीएचसी और पीएचसी पर डेंगू की जांच के पुख्ता व्यवस्था है. सरकारी अस्पतालों में डेंगू की मुफ्त जांच हो रही है. किट आदि की पर्याप्त व्यवस्था है. फीवर क्लीनिक और मेडिसिन विभाग में आने वाले मरीजों की लक्षण के आधार पर जांच कराई जा रही है. इन अस्पतालों में रोजाना बुखार के 30 से 40 मरीज आ रहे हैं.
30 बेड का वार्ड तैयार
सिविल अस्पताल में 30 बेड का डेंगू वार्ड तैयार कर लिया है. अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. एस.के. नंदा के मुताबिक वार्ड तैयार करा लिया गया है. जरूरी दवाएं और जांच की पुख्ता व्यवस्था की गई है. रोजाना 10 से 15 मरीज अस्पताल में डेंगू जांच के लिए आते हैं, जिसमें से तीन या चार मरीज में डेंगू के शुरुआती लक्षण पाए जाते हैं. जिन्हें तुरंत इलाज उपलब्ध कराया जाता है.
30 बेड होंगे डेंगू वार्ड में
बलरामपुर अस्पताल में 30 बेड का डेंगू वार्ड बनाया जाएगा. इसकी तैयारियां भी चल रही हैं. अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. हिमांशु चतुर्वेदी के मुताबिक वार्ड बनाने की तैयारियां आखिरी दौर में है. जांच किट और दवाएं पर्याप्त मात्रा में हैं. बलरामपुर अस्पताल में 0 से 10 मरीज रोजाना डेंगू जांच के लिए आते हैं, जिसमें से 2 से 3 मरीजों में डेंगू की पुष्टि होती है, बाकियों में डेंगू के शुरुआती लक्षण पाए जाते हैं.