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लखनऊ विवि फर्जी मार्कशीट प्रकरण: SIT के हाथ लगे अहम सबूत

लखनऊ विश्वविद्यालय के फर्जी मार्कशीट प्रकरण की जांच SIT (special investigation team) कर रही है. इस मामले में अभी तक छह लोगों की गिरफ्तारी की जा चुकी है, जिसमें विवि के चार कर्मचारी शामिल हैं. वहीं SIT को इसमें अहम सबूत हाथ लगे हैं.

लखनऊ विश्वविद्यालय (फाइल फोटो).

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Published : Jun 15, 2019, 8:19 PM IST

Updated : Jun 16, 2019, 6:51 PM IST

लखनऊ: लखनऊ विश्वविद्यालय के फर्जी मार्कशीट प्रकरण में SIT के हाथ कई अहम सबूत लगे हैं. SIT जल्द ही मामले में कई अन्य गिरफ्तारियां कर सकती है. फर्जी मार्कशीट के गोरखधंधे की तह तक पहुंचने के लिए SIT का गठन किया गया था. लखनऊ पुलिस के बाद SIT अब इस पूरे प्रकरण की जांच कर रही है. हालांकि चार कर्मचारियों की गिरफ्तारी के बाद SIT को कोई बड़ी कामयाबी हासिल नहीं हुई है.

फर्जी मार्कशीट प्रकरण की जानकारी देते संवाददाता.

क्या है लखनऊ विवि के फर्जी मार्कशीट का प्रकरण

लखनऊ विश्वविद्यालय में पिछले दिनों फर्जी मार्कशीट के गोरखधंधे का खुलासा हुआ था. मामला सामने आने के बाद हड़कंप मच गया था. मामला संज्ञान में लेते हुए पुलिस ने फर्जी मार्कशीट का धंधा करने वाले मास्टरमाइंड समेत छह लोगों को गिरफ्तार किया था. इसमें चार विवि के कर्मचारी शामिल थे. हालांकि बाद में इस गोरखधंधे की तह तक पहुंचने के लिए SIT का गठन किया गया था. SIT अब इस पूरे प्रकरण की जांच कर रही है. विवि के चार कर्मचारियों की गिरफ्तारी के बाद SIT को अब तक कोई बड़ी कामयाबी हासिल नहीं हुई है.

विवि में हुई चोरी की घटना से जुडे हो सकते हैं तार !

पिछले दिनों लखनऊ विश्वविद्यालय में एक ऐसी घटना हुई, जिसको चोरी की घटना बताया जा रहा है. बताते चलें कि विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक विभाग के दूसरे तल पर कुछ लोग जाली काट कर उसके दस्तावेज नीचे लेकर जा रहे थे और नीचे एक व्यक्ति ट्रॉली लिए खड़ा था. इस घटना के दौरान विवि में तैनात गार्ड जब पूछताछ के लिए ट्रॉली लिए व्यक्ति के पास पहुंचा तो वह वहां से भाग निकला, जिसके बाद चर्चाएं हुईं कि यह चोरी की घटना थी. हाालांकि विवि ने इसे चोरी की घटना मानने से मना कर दिया. जब इस घटना की चर्चाएं तेज हुईं तो विवि ने FIR दर्ज कराने की बात कही, लेकिन अभी तक FIR दर्ज नहीं की गई है.

चोरी की घटना पर SIT ने नहीं लिया संज्ञान

इस चोरी की घटना पर SIT ने कोई कार्रवाई नहीं की है. यहां तक कि विश्वविद्यालय ने भी इस घटना पर FIR दर्ज कराने की कोशिश नहीं की. आज भी अधिकारियों से जब इस बारे में सवाल किए जाते हैं तो उनका सिर्फ यही कहना होता है कि विश्वविद्यालय ने इस पर कोई तहरीर नहीं दी है. लिहाजा घटना को चोरी की घटना नहीं माना जा रहा है, जबकि जिस तरीके से फर्जी मार्कशीट का मामला सामने आया है, उसको देखते हुए यह घटना बड़ी घटना मानी जा रही है.

मामले में इनकी हुई गिरफ्तारी

जानकीपुरम निवासी सौरव यादव नाम के युवक की शिकायत पर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए नायब हुसैन को गिरफ्तार किया है, जिसके पास से फर्जी मार्कशीट बनाने में प्रयोग की जाने वाली सामग्री बरामद हुई है. जिन कर्मचारियों को लखनऊ विश्वविद्यालय प्रशासन ने निलंबित किया है, उनके पास महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां थीं. निलंबित किए गए संजय सिंह चौहान कनिष्ठ सहायक बीएससी द्वितीय वर्ष, राजीव पांडे वरिष्ठ सहायक बीए द्वितीय वर्ष और जेबी सिंह कनिष्ठ सहायक डिग्री सेक्शन में समायोजित थे. वहीं नायाब हुसैन चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के पदों पर तैनात था.

नायब हुसैन ने कर्मचारियों की संलिप्तता की बात स्वीकारी

सौरभ यादव की शिकायत पर जब पुलिस ने आरोपी नायब हुसैन से पूछताछ की तो उसने अपने साथ अन्य कर्मचारियों की संलिप्तता की बात स्वीकारी है. इसी आधार पर लखनऊ विश्वविद्यालय ने बड़ी कार्रवाई करते हुए चार कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है. यही नहीं इन कर्मचारियों की अलमारी को भी सीज कर दिया गया है, जिसमें जरूरी दस्तावेज रखे हुए हैं.

क्या बोले जांच अधिकारी

एसपी ट्रांस गोमती अमित कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि लखनऊ विश्वविद्यालय फर्जी मार्कशीट प्रकरण में SIT को अहम सबूत प्राप्त हुए हैं, जिनके आधार पर जल्द गिरफ्तारियां की जाएंगी. एसपी ने बताया कि विवि सहित उन तमाम विश्वविद्यालय पर भी हमारी निगरानी है, जहां फर्जी मार्कशीट प्रकरण के तार जुड़े हो सकते हैं. विवि के फर्जी मार्कशीट के सभी सबूत दस्तावेजों पर आधारित हैं, लिहाजा हम किसी तरह की जल्दबाजी नहीं कर रहे हैं.

Last Updated : Jun 16, 2019, 6:51 PM IST

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