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बिकरु हत्याकांड: एसआईटी को मिले पुलिस अधिकारियों के खिलाफ सबूत - बिकरु कांड में एसआईटी की जांच

कानपुर जिले के बिकरु गांव में हुई आठ पुलिसकर्मियों की हत्या मामले में गठित एसआईटी ने सरकार से एक महीने का समय मांगा है. एसआईटी को पुलिस अधिकारियों के खिलाफ पुख्ता सबूत भी मिले हैं.

एसआईटी को मिले पुलिस अधिकारियों के खिलाफ सबूत
एसआईटी को मिले पुलिस अधिकारियों के खिलाफ सबूत.

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Published : Sep 1, 2020, 10:24 PM IST

लखनऊ: कानपुर में आठ पुलिस कर्मियों की हत्या के मामले में शासन द्वारा गठित तीन सदस्यीय एसआईटी को जांच पूरी करने में अभी 1 महीने का और समय लग सकता है. मिली जानकारी के अनुसार, एसआईटी ने शासन से जांच पूरी करने के लिए 1 माह का अतिरिक्त समय मांगा है. बताते चलें कि 31 अगस्त को एसआईटी को अपनी जांच शासन को सौंपनी थी, लेकिन विभिन्न कारणों से जांच पूरी नहीं हो सकी है. एसआईटी से जुड़े एक अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि शासन से एक माह का अतिरिक्त समय मांगा गया है, जिससे कि सबूतों को पुख्ता करते हुए एक मजबूत रिपोर्ट शासन को भेजी जाए.

एसआईटी के अधिकारी ने यह भी बताया कि जांच के दौरान पुलिस विभाग के कई अधिकारी व कर्मचारियों के खिलाफ अहम सबूत मिले हैं, जिन लोगों के खिलाफ सबूत मिले हैं, उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की संस्तुति की जाएगी. कई पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ अपराधों में संलिप्तता की भी जानकारी मिली है, जिसके संदर्भ में सबूत जुटाए जा रहे हैं.

बिकरु कांड की जांच के लिए शासन ने आईएएस अधिकारी संजय भूसरेड्डी की अध्यक्षता में तीन सदस्यों की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) का गठन किया था, जो कानपुर में 8 पुलिस कर्मचारियों की हत्या और मृतक अपराधी विकास दुबे के आपराधिक साम्राज्य की जांच कर रही है. एसआईटी विकास दुबे के आपराधिक साम्राज्य में पुलिस कर्मचारियों के सहयोग की भी जांच कर रही है.

शासन ने एसआईटी को एक माह के अंदर जांच रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा था. हालांकि, 31 जुलाई को जांच पूरी नहीं हो सकी, तो शासन ने एक माह का अतिरिक्त समय देते हुए 31 अगस्त को जांच रिपोर्ट पेश करने की बात कही थी. लेकिन एक महीने का अतिरिक्त समय मिलने के बाद भी एसआईटी की जांच पूरी नहीं हो सकी है. लिहाजा एसआईटी की ओर से एक माह का अतिरिक्त समय मांगा गया है. बताते चलें कि एसआईटी के एक सदस्य कोविड-19 से संक्रमित हो गए थे, जिसके चलते जांच प्रभावित हुई है. वहीं कोविड-19 संक्रमण के चलते तमाम पुलिस कर्मचारियों और अधिकारियों के बयान नहीं दर्ज हो सके, जिसके चलते भी दो महीनों में एसआईटी की जांच पूरी नहीं हो सकी है.

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