लखनऊ: उत्तर प्रदेश के राज्य विश्वविद्यालयों में अब शिक्षकों के चयन के लिए एकसमान प्रक्रिया लागू करने का फैसला लिया गया है. राज्यपाल एवं कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने इस एकसमान प्रक्रिया को लागू करने पर अपनी मंजूरी दे दी है. अभी तक शिक्षक भर्ती के लिए न ही शैक्षिक योग्यता और साक्षात्कार के अंक निर्धारित होते थे. ऐसे में कई बार भर्ती प्रक्रिया पर सवाल खड़े किए जाते थे. कुलाधिपति ने विश्वविद्यालयों में शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया में बदलाव के लिए कुलपतियों के साथ बीते पांच अक्टूबर 2020 को बैठक की थी. इसके बाद अब भर्ती प्रक्रिया में बड़ा बदलाव किया गया है.
यह नई व्यवस्था की गई है लागू
- उत्तर प्रदेश के विश्वविद्यालयों में अब शिक्षक पद पर भर्ती के लिए लिखित परीक्षा होगी और अभ्यर्थी को कक्षा पढ़ाने का प्रस्तुतिकरण भी देना होगा. लिखित परीक्षा में बहुविकल्पीय सवाल पूछे जाएंगे.
- अब साक्षात्कार और शैक्षिक योग्यता आदि के भी अंक निर्धारित कर दिए गए हैं. लिखित परीक्षा सिर्फ असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर भर्ती के लिए होगी.
- एसोसिएट प्रोफेसर और प्रोफेसर पद के लिए लिखित परीक्षा नहीं होगी. भर्ती परीक्षा कुल 100 अंकों की होगी. साक्षात्कार की वीडियोग्राफी कराई जाएगी और कुलपति इसका वीडियो तीन महीने तक सुरक्षित रखेंगे.
- एक पद के लिए 10 गुना अभ्यर्थी आमंत्रित किए जाएंगे और आगे के चरणों के लिए पांच गुना अभ्यर्थी बुलाए जाएंगे.
- विश्वविद्यालय में शिक्षक पद पर भर्ती के लिए अभ्यर्थियों को 15 से 20 विद्यार्थियों को पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन (पीपीटी) की मदद से पढ़ाकर दिखाना होगा. इस दौरान एक्सपर्ट कमेटी यह देखेगी कि अभ्यर्थी को विषय के बारे में कितना ज्ञान है.