लखनऊ: गाजियाबाद में पत्रकार की हत्या के बाद विपक्ष ने कानून व्यवस्था को लेकर सरकार को कटघरे में खड़ा किया है. बसपा अध्यक्ष मायावती ने तो यहां तक कह दिया कि कोरोना वायरस से भी ज्यादा खतरनाक उत्तर प्रदेश में अपराधियों का क्राइम है. सपा मुखिया अखिलेश यादव हों या कांग्रेस नेता राहुल गांधी, सबने कहा है कि उत्तर प्रदेश में जंगलराज कायम है. इस पर सरकार के मंत्री और प्रवक्ता सिद्धार्थ नाथ सिंह ने पलटवार करते हुए विपक्ष को ही इसके लिए जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने कहा कि यह पिछली सरकारों की देन है. अपराध की जड़ें उनकी सरकारों में इतनी गहराई में थी कि उन्हें उखाड़ने में अभी समय लग रहा है.
लखनऊ: कानून व्यवस्था को लेकर सरकार और विपक्ष में तकरार - उत्तर प्रदेश सरकार पर आरोप
उत्तर प्रदेश में लगातार बढ़ रहे अपराध पर विपक्ष ने सरकार पर सवाल खड़े किए हैं. बसपा, सपा और कांग्रेस ने सीएम योगी को अपराध के लिए जिम्मेदार ठहराया है. इसके जवाब में सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थ नाथ सिंह ने विपक्ष के आरोपों पर पलटवार किया है.
योगी सरकार के मंत्री और प्रवक्ता सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि मायावती जी को अपने गिरेबान में झांकना चाहिए. उन्होंने मायावती से सवाल किया कि क्या यह नेक्सस आपके कार्यकाल में नहीं था. सपा के कार्यकाल में नहीं था. यह जड़ें किसने मजबूत की हैं. आप के समय में जाति के आधार पर एफआईआर लिखी जाती थी या फिर नहीं लिखी जाती थी. समाजवादी पार्टी के समय में यही होता था. सपा सरकार में जाति के साथ-साथ धर्म भी जुड़ गया था. आप लोगों के समय में जाति और धर्म के आधार पर कार्रवाई की जाती थी.
सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि आज क्या कोई कह सकता है कि उत्तर प्रदेश में धर्म या जाति के आधार पर एफआईआर लिखी जाएगी. क्या कोई यह कह सकता है कि सरकार कानून के प्रति संवेदनशील नहीं है. हमारी सरकार में कानून अपना काम कर रहा है. सरकार उसके लिए कटिबद्ध है. हमारी सरकार का एक मापदंड है. विपक्ष ने अपराध की जड़ें ऐसी कर दी हैं, जिसे उखाड़ने में समय लग रहा है. यह दुर्भाग्यपूर्ण है. हमारी सरकार की निष्ठा, नीति में कोई भी कमी नहीं है. कानून अपना काम कर रहा है. उसके हाथ नहीं बांधे गए हैं. हमारी सरकार में किसी को संरक्षण नहीं दिया जाएगा. अपराधी को छोड़ा नहीं जा रहा है, न ही छोड़ा जाएगा.