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श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल ने प्रयागराज में होने वाली संतों की बैठक को बताया औचित्यहीन

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Published : Oct 24, 2021, 2:26 PM IST

कनखल स्थित श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल में आहुत संतों की बैठक में निर्मल अखाड़े के अध्यक्ष महंत ज्ञानदेव सिंह महाराज ने कहा है कि निर्मल अखाड़ा नवनियुक्त अखाड़ा परिषद को अपना समर्थन दे चुका है लेकिन, कुछ लोग फर्जी तरीके से निर्मल अखाड़े के संबंध में दुष्प्रचार कर बैठक आयोजन की बात कर रहे हैं.

निर्मल अखाड़े के अध्यक्ष महंत ज्ञानदेव सिंह महाराज.
निर्मल अखाड़े के अध्यक्ष महंत ज्ञानदेव सिंह महाराज.

हरिद्वार:प्रयागराज में 25 अक्टूबर को होने वाली अखाड़ा परिषद की बैठक को अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के नवनियुक्त पदाधिकारियों ने फर्जी व औचित्यहीन करार दिया है. कनखल स्थित श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल में आहुत संतों की बैठक में निर्मल अखाड़े के अध्यक्ष महंत ज्ञानदेव सिंह महाराज ने कहा कि प्रयागराज में होने वाली संतों की बैठक में निर्मल अखाड़ा किसी भी रूप से सम्मिलित नहीं होगा.

उन्होंने कहा कि निर्मल अखाड़ा नवनियुक्त अखाड़ा परिषद को अपना समर्थन दे चुका है. कुछ लोग फर्जी तरीके से निर्मल अखाड़े के संबंध में दुष्प्रचार कर बैठक आयोजन की बात कर रहे हैं.

इस संबंध में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी महाराज ने कहा कि कुछ संतों द्वारा निर्मल अखाड़े के दो फाड़ होने का भ्रामक प्रचार किया जा रहा है, जो कि सरासर गलत है. निर्मल अखाड़े के अध्यक्ष श्रीमहंत ज्ञानदेव सिंह महाराज ही हैं, जिनके सानिध्य में हरिद्वार कुंभ मेले का भव्य रूप से आयोजन हुआ है. मुख्यमंत्री से लेकर प्रत्येक अधिकारी एवं उच्च अधिकारी को ज्ञात है कि निर्मल अखाड़े के कोठारी महंत जसविंदर सिंह महाराज और अध्यक्ष श्रीमहंत ज्ञानदेव सिंह महाराज हैं.

निर्मल अखाड़े के अध्यक्ष महंत ज्ञानदेव सिंह महाराज.

उन्होंने कहा कि जो लोग स्वयं को निर्मल अखाड़े का महंत या पदाधिकारी बता रहे हैं. उन पर पहले ही कनखल थाने में धोखाधड़ी के कई मामले दर्ज हैं. ऐसे लोगों का कार्य मात्र छल कपट से लोगों को भ्रमित करना है. उन्होंने कहा कि किसी भी अखाड़े को दूसरे अखाड़े के मामले में हस्तक्षेप और दो भागों में बांटने का कार्य नहीं करना चाहिए. पूरा संत समाज एक हैं केवल वैचारिक मतभेद किसी भी अखाड़े में हो सकते हैं.

पढ़ें-अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद में रार, महंत हरि गिरि ने बैठक को दिया असंवैधानिक करार

श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल के कोठारी महंत जसविंदर सिंह महाराज ने कहा कि प्रेम सिंह भूरीवाले ने कुछ असामाजिक तत्वों के साथ अखाड़े की एक्कड़ कलां शाखा पर कब्जा करने का प्रयास किया था लेकिन वह अपने मंसूबों में कामयाब नहीं हो पाए थे, उन्हें उल्टे पैर भागना पड़ा था. ऐसे असामाजिक तत्वों को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. निर्मल अखाड़ा ऐसे लोगों का पहले ही बहिष्कार कर चुका है. उन्होंने कहा कि जो संत उनका साथ दे रहे हैं वह भी फर्जी तरीके से पद की लालसा में समाज को भ्रमित कर रहे हैं.

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की नई कार्यकारिणी का गठन हो चुका है, जिससे कुछ लोगों की महत्वकांक्षाएं पूरी नहीं हो पायीं. इसलिए वह फर्जी बैठक कर प्रशासन और शासन को गुमराह करना चाह रहे हैं लेकिन सच्चाई सर्व समाज को ज्ञात है. उन्होंने कहा कि ऐसे लोग अपने मंसूबों में कभी कामयाब नहीं हो पाएंगे.

गौरतलब है कि अखाड़ा परिषद के पूर्व अध्यक्ष स्वर्गीय नरेंद्र गिरी के मृत्यु के बाद अध्यक्ष पद खाली होने के कारण अध्यक्ष पद पर चुनाव होना था, जिसके लिए प्रयागराज में 25 अक्टूबर को एक बैठक निरंजनी अखाड़े में बुलाई गई है. लेकिन उससे पहले ही 7 अखाड़ों ने बैठक कर अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष और महामंत्री पद पर नए पदाधिकारियों की घोषणा कर दी. मौजूदा महामंत्री हरि गिरि ने 25 अक्टूबर को प्रयागराज में होने वाली बैठक को असंवैधानिक करार दिया है. उन्होंने कहा कि आगामी 25 तारीख को बुलाई गई बैठक में अगर यह सभी अखाड़े अपना पक्ष रखकर बहुमत साबित करते है, तो ज्यादा अच्छा रहेगा.

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