लखनऊ: लोहिया संस्थान के तहत प्रस्तावित 500 बेड का अस्पताल अफसरों की फाइलों में कैद है.लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान सपा सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल था ऐसे में जनरल हॉस्पिटल के बाद सुपर स्पेशयलिटी इंस्टीट्यूट खोला गया. वहीं शहीद पथ स्थित 20 एकड़ जमीन तलाश कर मेडिकल कॉलेज को हरी झंडी दी गई. इसके लिए वर्ष 2016 में न्यू कैम्पस में 500 बेड के अस्पताल को बनाने की अनुमति दी गई, जिसका शिलान्यास भी किया गया. वहीं सरकार बदलते ही मामला ठंडे बस्ते में चला गया. ऐसे में 200 एमबीबीएस सीटों के लिहाज से अभी तक बेडों का बंदोबस्त नहीं हो सका. साथ ही मरीजों को भी इलाज के लिए न्यू कैंपस भटकना पड़ रहा है.
15 मंजिला भवन पर हेलीपैड की थी व्यवस्था
यह अस्पताल आधुनिक तरीके से बनाया जाना था. इसका डीपीआर तैयार हो गया था. 15 मंजिला भवन में सबसे ऊपर हेलीपैड प्रस्तावित है. इससे एयर एंबुलेंस सुविधा शुरू करने में मदद मिलती, मरीजों को दूसरे हायर सेंटर रेफर करने में आसानी होती, दिल्ली आदि शहरों में गंभीर मरीज को रेफर करने के लिए सड़क को ग्रीन कॉरिडोर में तब्दील करने की जरूरत नहीं पड़ती, अधिकारियों के मुताबिक, इस अस्पताल के निर्माण पर करीब 600 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान था.