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लॉकडाउन से कूलर घास बेचने वाले दुकानदार परेशान - कूलर की घास

राजधानी लखनऊ में लॉकडाउन लगने से कूलर में लगने वाली घास बेचने वाले दुकानदार परेशान हैं. उनकी आर्थिक स्थिति भी बेहद खराब है. ईटीवी भारत से बातचीत में उन्होंने कहा कि हम कोरोना से बाद में मरेंगे, लेकिन भूख से पहले मर जाएंगे. देखिए ये रिपोर्ट...

cooler grass shopkeepers are upset due to lockdown
लॉकडाउन से कूलर घास बेचने वाले दुकान.दार परेशान

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Published : May 17, 2021, 7:11 AM IST

लखनऊ:इस साल कोरोना महामारी के चलते सभी व्यापार बंद पड़े हैं. वहीं कूलरों में घास भरने वाले दुकानदार भी व्यापार न होने के चलते परेशान हैं. कोरोना काल से पहले गर्मी के मौसम में लोग अपने कूलरों में घास भरवाते थे, जिससे इन दुकानदारों का व्यापार भी अच्छे से चलता था. वहीं जब से लॉकडाउन लगा है, ग्राहक दुकान पर नहीं आ रहे हैं, जिससे इन दुकानदारों को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है.

लॉकडाउन लगने से दुकानदार परेशान.

ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान राजधानी लखनऊ के डॉलीगंज स्थित कूलर की घास भरने का काम करने वाली दुकानदार ललिता ने बताया कि इस क्षेत्र में काफी मात्रा में कूलर में घास भरने की दुकानें लगती हैं. हर वर्ष काफी व्यापार हो जाता था, लेकिन पिछले साल की तरह इस साल भी कोरोना संक्रमण के चलते व्यापार में काफी नुकसान हुआ है.

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उन्होंने बताया कि इस वर्ष गर्मी का मौसम आते ही अभी तक कुछ बहुत व्यापार हो भी रहा था. थोड़े बहुत ग्राहक भी आ रहे थे, लेकिन जब से लॉकडाउन लगा है, व्यापार बिल्कुल खत्म हो गया. जितना माल बेचने के लिए आया था, वह खराब होता जा रहा है.

दुकानों में पसरा सन्नाटा.

'नहीं आते एक भी ग्राहक'

दुकानदार मधुरानी ने बताया कि लगभग 50 हजार रुपये का माल हम बेचने के लिए लाए थे, लेकिन लॉकडाउन लगने से माल बिकना बन्द हो गया है. कोई भी ग्राहक नहीं आ रहा है. कोरोना संक्रमण के चलते लोगों ने अपने घरों में एसी चलाना बन्द कर रखा था, लेकिन कूलरों का उपयोग जरूर कर रहे थे. उसको देखते हुए सभी दुकानदारों ने अपनी दुकान में माल भरा था. ग्राहक भी आ रहे थे, लेकिन लॉकडाउन जैसे-जैसे बढ़ रहा है, वैसे-वैसे अब ग्राहक आना भी बंद हो गए हैं. पूरा-पूरा दिन निकल जाता है, एक भी ग्राहक नहीं आ रहे हैं. अगर इसी तरह से रहा तो हम भूख से मर जाएंगे.

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