लखनऊ: अयोध्या भूमि विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर मुस्लिम पक्ष बंटा नजर आ रहा है. एक ओर बाबरी मस्जिद के पक्षकार रहे सुन्नी वक्फ बोर्ड ने मामले पर रिव्यू पिटीशन दाखिल न करने की बात कही है, वहीं दूसरी ओर AIMPLB ने ड्राफ्ट तैयार कर पुनर्विचार याचिका की तैयारी शुरू कर दी है. ऐसे में शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी ने AIMPLB की राय से किनारा कर लिया है. उन्होंने कहा कि बोर्ड इस मामले पर अब किसी नए विवाद को जन्म नहीं देना चाहता है.
वसीम रिजवी ने जारी किया बयान
शिया वक्फ बोर्ड ने बुधवार को सदस्यों के साथ बैठक कर सर्वसम्मति से प्रस्ताव पास करा लिया है, जिसमें सबकी राय साफ है कि इस विवाद में शिया वक्फ बोर्ड किसी भी तरह की कोई पुनर्विचार याचिका दाखिल करने के पक्ष में नहीं है. रिजवी ने बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में अपना बयान जारी किया है.
नहीं दाखिल करेंगे रिव्यू पिटीशन
वसीम रिजवी का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट में शिया वक्फ बोर्ड की अपील खारिज होने के बाद अब बोर्ड कोई रिव्यू पिटीशन दाखिल नहीं करेगा. रिजवी ने कहा कि 1946 में इस संबंध में शिया वक्फ बोर्ड ने एक मुकदमा हारा था.
सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की थी अपील
उक्त मुकदमे के खिलाफ बोर्ड ने सन 2018 में सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की थी, लेकिन क्योंकि वह मुकदमा 71 साल बाद दायर किया गया था, जिसके चलते सुप्रीम कोर्ट ने उस अपील को खारिज कर दिया.