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Shia PG College Lucknow में हुई नियुक्तियों को लेकर सवाल, 5 मार्च को होगा विश्वविद्यालय का घेराव

हुसैनी टाइगर सोसाइटी के संरक्षक शमील शमसी ने शिया पीजी काॅलेज लखनऊ (Shia PG College Lucknow) में हुई नियुक्तियों में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है. शमसी का आरोप है कि शिकायत के बाद भी जांच कमेटी ने कोई कारगर कार्रवाई नहीं की और मनमानी ढंग से की गई नियुक्तियों पर मुहर लगा दी है.

Shia PG College Lucknow में हुई नियुक्तियों पर सवाल.
Shia PG College Lucknow में हुई नियुक्तियों पर सवाल.

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Published : Mar 3, 2023, 6:48 PM IST

Shia PG College Lucknow में हुई नियुक्तियों पर सवाल.

लखनऊ : शिया पीजी काॅलेज में विगत कई वर्षों से असिस्टेन्ट प्रोफेसर क्लर्क व फोर्थ क्लास सहित सभी प्रकार की नियुक्तियों में भ्रष्टाचार फैला हुआ है. नियुक्ति के नाम पर मौलाना यासूब अब्बास और उनके भाई पैसे की उगाही करते हैं. हद तो यह है कि 40 से 50 लाख असिस्टेन्ट प्रोफेसर की नियुक्तियों में यासूब अब्बास और उनका परिवार लेता है. नियुक्तियों में धांधलियों की वजह योग्य उम्मीदवारों का अप्वाइंटमेंट न होकर पैसों के बल पर दूसरों का अप्वाइंटमेंट हो जाता है. यह आरोप हुसैनी टाइगर सोसाइटी के संरक्षक शमील शमसी ने एक होटल में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान लगाए.

शमसी ने कहा कि शिया कॉलेज में हो रही नियुक्तियों में धांधलियों के खिलाफ हमारी संस्था निरन्तर लड़ाई लड़ रही है. अभी हमारी संस्था ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक पत्र लिखने जा रही है. इसमें शिया पीजी काॅलेज में हो रहे निर्माणों की जांच की मांग है. एक ऐडेड सरकारी महाविद्यालय में बगैर बिडिंग टेंडर के किसी एक फर्म को काम दिया जा रहा है. बिडिंग टेंडर नियमावली में उप्र सरकार का प्रावधान है कि 10 लाख के ऊपर के काम में बिडिंग टेंडर होगा. बगैर टेंडर किस तरह से शिया काॅलेज में इतने निर्माण हुए. आखिरकार इस वित्तीय अनियमितताओं के जिम्मेदार यासूब अब्बास और उनका परिवार है.

मौलाना यासूब अब्बास पर परिवार वालों को नौकरी देने का आरोप : शमील शमसी ने आरोप लगाया है कि मौलाना यासूब अब्बास इससे पहले सारे अपने रिश्तेदारों को मैनेजिंग कमेटी में रखकर उनकी आर में सारे वित्तीय अनियमितता और अप्वाइंटमेंट में अनियमितता कराते चले आ रहे हैं. वर्तमान में उनके सगे साले मुर्तुजा अब्बास शमसी जो शिया पीजी काॅलेज में सचिव/प्रबन्धक हैं और उन्हीं की आड़ में अप्वाइन्टमेंट में पैसे की उगाही हो रही है. 22 दिसंबर 2020 और 23 दिसंबर 2020 में बाटनी, उर्दू, पोलिटिकल साइंस, इतिहास, एजुकेशन विभाग में असिस्टेन्ट प्रोफेसर की नियुक्ति के सम्बन्ध में इंटरव्यू संभावित थे. इसके एक दिन पहले मैंने सम्भावित इंटरव्यू में कुछ लोगों की नियुक्तियों के नाम पहले ही उजागर कर दिए थे और लखनऊ वीसी, राज्यपाल से मिलकर लिखित शिकायत सौंपी थी. जिसमें खासतौर पर यासूब अब्बास की सगी भाभियां ऐरम फातिमा और अमरीन हसन का अप्वाइंटमेंट इतिहास और पोलिटिकल साइंस में होना था. इसके बाद इन लोगों ने सारी फैकल्टियों में इंटरव्यू कराए पर इन दोनों फैकल्टी में इंटरब्यू नहीं कराए.

उपरोक्त में मामलें राज्यपाल ने 20 फरवरी 2021 को पत्रांक संख्या- एएफ/2979-80 एक पत्र मुझे मिला. जिसमें यह बताया गया कि कुलपति ने जांच के लिए 3 सदस्यीय समिति निर्धारित कर दी है. इसके बाद में लगातार कुल सचिव कार्यालय और महामहिम राज्यपाल को इस भ्रष्टाचार के सम्बन्ध में पत्र लिखता रहा. इसके जवाब में 6 मार्च 2021 को पत्र प्राप्त हुआ. जिसमें जांच समिति ने बगैर मुझे सूचित कि हुए बगैर मेरे पक्ष को जाने हेतु एकतरफा शिया पीजी काॅलेज मैनेजमेंट कमेटी के जवाब के पक्ष को सही समझते हुए नियुक्तियों का अप्रूवल दे दिया. जिसमें यासूब अब्बास को अपनी सगी भाभियों का अप्वाइंटमेंट करवाना था उसमें जांच समिति ने पत्र में यह लिखा कि एग्जामिनर जो आने दोनों फैकल्टी में उनको दोनों को कोरोना हो गया. इस वजह से यह इंटरव्यू स्थगित किया गया. बाकी सारे इंटररव्यू में अप्रूवल दिया जाता है. कितनी हस्यास्यपद बात है कि जिसमें सभी भाभियों का अप्वाइंट होना था उन्हीं एग्जामिनर को कोरोना हो गया.

हुसैनी टाइगर सोसाइटी के संरक्षक शमील शमसी ने कहा कि मैं और मेरी संस्था 5 मार्च 2023 को इमामबाड़ा सिक्तैनाबाद से वीसी कार्यालय तक पैदल मार्च करेंगे. वीसी कार्यालय का घेराव करेंगे. क्योंकि चाहे जितनी जांच बैठा लो वीसी कार्यालय के कर्मचारी पैसों के बल पर भ्रष्टाचार में संलिप्तता की भूमिका निभाते हुए एक बड़ा खेल कर रहे हैं. तो कोई भी जांच का फायदा नहीं है, क्योंकि जब तब इन कर्मचारियों और वीसी के हाथ में जांच होगी, भ्रष्टाचार पर अंकुश नहीं लग सकता है.

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