उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

शनि देव को प्रसन्न करने के लिए अपनाएं ये उपाय, यूं दूर होगी साढ़े साती - lucknow news

शनि देव को न्याय के देवता के नाम से भी जाना जाता है. शनि देव कर्मों के मुताबिक फल देते हैं. बुरे कर्म वाले लोगों को अगर शनि देव दंडित करते हैं, तो अच्छे कर्म वाले लोगों पर उनकी शुभ दृष्टि रहती हैं.

शनि देव को प्रसन्न करने के लिए अपनाएं ये उपाय
शनि देव को प्रसन्न करने के लिए अपनाएं ये उपाय

By

Published : Nov 6, 2021, 7:26 AM IST

लखनऊ: सनातन धर्म के अनुसार जहां जीव की मृत्यु के बाद चित्रगुप्त जी के पाप-पुण्य के लेखे-जोखे के आधार पर यमराज आत्माओं को उनके कर्म अनुसार नरक, स्वर्ग, पितृलोक आदि लोकों में भेज देते हैं. वहीं मृत्यु से पहले जीवित अवस्था में व्यक्ति के कर्म फलों का दंड न्याय के देवता के रुप में शनिदेव द्वारा दिया जाता है.

शनिदेव के इन्हीं क्रूर दंड के चलते वर्तमान में लोग शनि को लेकर काफी भयभीत रहते हैं. जबकि यह भी कहा जाता है कि यदि जीव अपने जीवन में कोई गलत कार्य नहीं करता तो शनि देव उसे दंड की जगह ऐसा फल प्रदान करते हैं, कि वह फर्श से अर्श तक पहुंच जाता है.

लेकिन आज के दौर में ऐसे लोग न के बराबर होने के चलते अधिकांश लोग शनिदेव के दंड के भागी बनते हैं. जिसके कारण शनिदेव का आशीर्वाद रूपी फल देखने को कम ही मिलता है।ऐसे में लोग शनिदेव को केवल क्रूर ग्रह के रूप में ही मानने लगे हैं.

ज्योतिष में बताया गया है कि जब शनि राशि बदलते हैं तब राशियों की दशा, महादशा, साढ़ेसाती और ढैय्या शुरू हो जाती है.जिसके प्रभाव से लोगों की जिंदगी में परिवर्तन होने लगते हैं, परेशानियां आती हैं. नौकरी और व्‍यापार में समस्‍या उत्‍पन्‍न होने लगती है। खर्चे बेतहाशा बढ़ जाते हैं.

इसे भी पढ़ें-शनि प्रदोष व्रत : जानें पूजा का शुभ मुहूर्त और महत्व

शनि के इन्हीं कर्म के अनुसार दिए जाने वाले कठोर दंड के चलते लोग शनि को क्रूर ग्रह मानते हैं, ज्योतिष के अनुसार शनि के प्रभाव को कम करने के लिए व्यक्ति पूजापाठ, दान-पुण्‍य, जप और मंत्र से जुड़े कुछ उपायों को आजमा सकते हैं, जिनसे उन्हें कुछ राहत मिल सकती है.

ये हैं वे उपाय…
शनिवार के दिन आप काली गाय, काले कुत्‍ते या फिर काली चिड़ियों को खाने की चीजें डालें. माना जाता है कि ऐसा करने से आपके ऊपर से शनि ग्रह का प्रभाव कम होता है और आपके काम में आ रही रुकावटें भी दूर होती हैं। बिगड़े हुए काम भी फिर से बनने लगते हैं।

ABOUT THE AUTHOR

...view details