SGPGI Lucknow में शुरू हुआ प्रदेश का अल्कोहल यूज डिसऑर्डर क्लीनिक. देखें खबर लखनऊ :नशा कोई भी हो, स्वास्थ के लिए बेहद हानिकारक होता है, जिसका दिल और दिमाग के साथ लिवर पर भी बुरा असर पड़ता है. धीरे-धीरे इससे पूरा शरीर प्रभावित होता है. सबसे ज्यादा दुष्प्रभाव शराब पीने से होते हैं. लोग कब इसके आदी हो जाते, पता ही नहीं चलता, लेकिन अब एसजीपीजीआई संस्थान शराब की लत से छुटकारा दिलाने में मदद करेगा. इसके लिए एसजीपीजीआई के हेपेटोलॉजी विभाग की ओर से अल्कोहल यूज डिसऑर्डर क्लिनिक (AUDC) की शुरुआत की गई है. जिसका शुभारंभ SGPGI संस्थान के निदेशक प्रो. आरके धीमान ने किया है. AUDC की सुविधा प्रदेश में कहीं भी उपलब्ध नहीं, ऐसी सुविधा देना वाला पहला संस्थान SGPGI होगा.
पीजीआई के निदेशक प्रो. आरके धीमान ने बताया कि ज्यादा शराब पीने से शरीर में डिहाइड्रेट की समस्या होने लगती है. शराब के नुकसान लोगों को पता होते हुए भी इसकी लत छोड़ना आसान नहीं होता है. विभाग की ओपीडी में करीब एक तिहाई मरीजों में लिवर खराब होने के पीछे शराब बड़ी वजह होती है, लेकिन अब तक ऐसा कोई क्लीनिक नहीं था, जहां मरीजों को शराब छोड़ने के प्रति जागरूक किया जा सके, उन्हें समझाया जा सके. कई ऐसे मरीज भी होते हैं, जो शराब की लत के कारण बीमार पड़ते हैं, उनका इलाज किया जाता और कुछ समय बाद वह फिर शराब के आदी हो जाते हैं. एसजीपीजीआई संस्थान में खुले इस क्लीनिक से लोगों को काउंसिलिंग करने में मदद मिलेगी. यह क्लीनिक प्रत्येक सोमवार को SGPGI के हेमेटोलॉजी विभाग की ओपीडी में चलेगा. इस क्लीनिक का संचालन डॉ. रोमिल सैनी द्वारा किया जाएगा.
संस्थान के निदेशक प्रो. आर के धीमान ने बताया कि शराब या नशे से सिर्फ लिवर ही खराब नही होता, बल्कि इसके दुष्प्रभाव की चपेट में धीरे धीरे पूरा शरीर आ जाता है. एसजीपीजीआई में तकरीबन हर विभाग की ओपीडी चलती है. जिसमें अनेकों ऐसे मरीज सामने आते हैं, जो शराब की अति के कारण गंभीर बीमारियों से जूझ रहे होते हैं. बावजूद इसके शराब पीना छोड़ते, हर विभाग में आने वाले ऐसे मरीजों को चिन्हित किया जाएगा. जिन्हें शराब की मात्रा कम करने या शराब छोड़ने की जरूरत है. उन मरीजों को अल्कोहल यूज डिसऑर्डर क्लीनिक में रेफर किया जाएगा.
अल्कोहल यूज डिसऑर्डर क्लीनिक की जानकारी देते चिकित्सक. क्लीनिक में आने वाले मरीजों को न सिर्फ समझाया जाएगा, बल्कि उनका इलाज भी होगा. इसके लिए सबसे मरीजों को ऐसी दवाइयां दी जाएंगी जो शराब के दुष्प्रभाव को रोक सके. फिर उन्हें शराब की लत कम करने की दवाइयां दी जाएंगी और शराब छोड़ने के बाद मरीजों को ऐसी दवाइयां उपलब्ध कराई जाएंगी, ताकि वह दोबारा उन्हें शराब की बुरी लत न लगे. लखनऊ के एसजीपीजीआई संस्थान खुला यह प्रदेश का पहला क्लीनिक होगा. जहां शराब की लत छुड़ाने में सहयोग किया जाएगा. सामान्यतः अन्य अस्पतालों के मनोचिकित्सक विभाग की टीम इस पर काम कर सकती है, लेकिन मरीज मनोचिकित्सक के पास जाने से कतराते हैं. ऐसे में एसजीपीजीआई में खुले इस क्लीनिक का लाभ ज्यादा से ज्यादा लोगों को मिलेगा.
यह भी पढ़ें : समाजवादी पार्टी ने विधान परिषद में प्रत्याशी खड़े कर फिर कराई जग हंसाई