लखनऊ: राजधानी के एसजीपीजीआई समेत 12 अलग-अलग सेंटर पर वैक्सीनेशन का अभियान सुबह से ही जारी है. एसजीपीजीआई के डायरेक्टर ने सभी भ्रांतियों को मिटाते हुए सबसे पहले खुद का टीकाकरण करवाया. जिससे उनके कर्मचारियों में टीके को लेकर किसी भी प्रकार की कोई शंका न हो. उन्होंने बताया कि यह वैक्सीनेशन प्रोग्राम हम एक पर्व के रूप में मना रहे हैं.
एसजीपीजीआई में सुबह 10:55 पर लगा पहला वैक्सीन. राजधानी में हुआ वैक्सीनेशन
राजधानी -पूरे देश में शनिवार को कोरोना वायरस महामारी को जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए वैक्सीनेशन की शुरुआत की गई है. जिसके तहत सबसे पहले स्वास्थ्य कर्मचारियों को टीका लगाया जा रहा है. वैक्सीनेशन को लेकर जहां एक और शासन और प्रशासन दोनों ही अलर्ट मोड पर नजर आ रहे हैं. वहीं दूसरी ओर अस्पतालों में भी समुचित व्यवस्थाएं की गई हैं. राजधानी के प्रतिष्ठित संस्थान एसजीपीजीआई में सुबह 10:55 पर वैक्सीनेशन की शुरुआत डायरेक्टर को टीका लगाने से हुई.
प्रोफेसर धीमान ने साझा किया अनुभव
वैक्सीनेशन के कई घंटे बीत जाने के बाद हमने एसजीपीजीआई के डायरेक्टर प्रोफेसर आरके धीमान से बातचीत की और उनसे यह जानने की कोशिश की गई कि आखिर वैक्सीनेशन के बाद उन्हें कैसा महसूस हो रहा है और क्या उनके स्वास्थ्य में कोई उतार-चढ़ाव आ रहा है या नहीं, ईटीवी भारत से एसजीपीजीआई के डायरेक्टर प्रोफेसर आरके धीमान ने अपना अनुभव साझा किया. उन्होंने बताया कि भ्रांतिंयों को दूर करने के लिए उन्होंने सबसे पहले वैक्सीन लगवाया.
वैक्सीन को लेकर फैलाई जा रहीं भ्रांतियां
प्रोफेसर आरके धीमान ने बताया कि वैक्सीन को लेकर जो भ्रांतियां फैलायी जा रही हैं, वह पूरी तरह से गलत हैं. पीजीआई डायरेक्टर ने कहा कि वैक्सीनेशन के कई घंटे बीत जाने के बाद भी उन्हें किसी तरह की कोई समस्या नहीं हुई है. उन्होंने कहा कि वह अपने रूटीन काम को पहले की तरह ही कर रहे हैं.