लखनऊ: कोरोना संक्रमित गंभीर मरीजों के लिए प्लाज्मा थेरेपी वरदान साबित हो रही है. कई ऐसे मरीज देखने को मिले हैं, जो गंभीर कोरोना संक्रमित थे और प्लाज्मा थेरेपी के इलाज के बाद पूरी तरह स्वस्थ होकर अस्पताल से डिस्चार्ज हो चुके हैं.
प्लाज्मा थेरेपी से स्वस्थ हो रहे गंभीर कोरोना मरीज. प्लाज्मा थेरेपी के तहत ऐसे लोगों का प्लाज्मा लिया जाता है, जो कोरोना संक्रमित थे और जिन्होंने 14 दिन की क्वारंटाइन अवधि पूरी कर ली हो. इसके बाद उनकी सभी जांच की जाती है और देखा जाता है कि एंटीजन बॉडी बनी है या नहीं. अगर रिपोर्ट सही आती है, तो उनका प्लाज्मा लिया जाता है. डाॅक्टरों के अनुसार एक प्लाज्मा को दो कोरोना मरीजों को चढ़ाया जाता है. इस विधि से कोरोना के कई गंभीर मरीजों की जान बचाई जा चुकी है. वहीं डाॅक्टरों का कहना है कि कोरोना संक्रमितों को स्वस्थ होने के बाद अपना प्लाज्मा डोनेट करना चाहिए, जिससे कि कोरोना संक्रमित गंभीर मरीजों की जान बचाई जा सके.
हाल ही में राजधानी के केजीएमयू में प्लाज्मा थेरेपी से स्वस्थ हुए 55 वर्षीय खुर्रम नगर निवासी कोरोना मरीज ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि उनकी हालत काफी गंभीर थी. डाॅक्टरों ने उन्हें प्लाज्मा थेरेपी का सुझाव दिया. इसके बाद परिजन स्वस्थ हो चुके कोरोना मरीजों की जानकारी करने लगे और प्लाज्मा डोनेट करने के लिए कहा और उनका इलाज प्लाज्मा थेरेपी से किया गया. इलाज के 20 दिन बाद स्वस्थ होने पर उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया.
वहीं प्लाज्मा थेरेपी से ठीक हुए 60 वर्षीय गोमती नगर निवासी कोरोना मरीज ने बताया कि उन्हें किडनी की समस्या थी और वह डायलिसिस के लिए एक निजी अस्पताल में जाते थे. कुछ दिनों बाद कोरोना के लक्षण दिखने लगे और जब जांच कराई, तो रिपोर्ट पाॅजिटिव आई. उन्हें इलाज के लिए केजीएमयू में भर्ती किया गया.
उन्होंने बताया कि 10 दिन तक इलाज किया गया, लेकिन हालत में सुधार नहीं हुआ. इसके बाद डाॅक्टरों ने उन्हें प्लाज्मा थेरेपी कराने को कहा और डाॅक्टरों ने स्वस्थ हो चुके कोरोना मरीजों के प्लाज्मा से उनका इलाज किया. कुछ दिन बाद स्वस्थ होने पर उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया. अब वह पूरी तरह से स्वस्थ हैं.