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सीरियल किलर भाइयों को कोर्ट ने सुनाई 7-7 साल की सजा, 16 साल बाद आया फैसला

लखनऊ में सीरियल किलर (serial killer in lucknow) भाईयों को कोर्ट ने 7-7 साल के कठोर कारावास और 10-10 हजार रुपए के जुर्माने से दंडित किया है.

लखनऊ में सीरियल किलर
लखनऊ में सीरियल किलर

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Published : Dec 9, 2022, 10:30 PM IST

Updated : Dec 10, 2022, 7:27 AM IST

लखनऊःसंगठित गिरोह बनाकर जनता में दहशत फैलाने, आर्थिक लाभ लेने के लिए अपराध करने के आरोपी तिहाड़ जेल में बंद सीरियल किलर भाइयों सलीम, रुस्तम और सोहराब को 16 साल पुराने गैंगस्टर के मामले में सजा सुनाई गई. गैंगस्टर एक्ट के विशेष न्यायाधीश मोहम्मद गजाली (Mohammad Ghazali, Special Judge, Gangster Act) ने सीरियल किलर भाइयों सलीम, रुस्तम और सोहराब को दोषी ठहराते हुए 7-7 साल के कठोर कारावास और 10-10 हजार रुपये के जुर्माने से दंडित किया है. कोर्ट ने कहा कि अगर आरोपी जुर्माना नहीं जमा करते हैं तो उन्हें 2 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी.

कोर्ट ने तीनों भाइयों को दोषी ठहराते हुए कहा कि आरोपियों का एक संगठित गिरोह है. जिसके सदस्यों के अपराध से क्षेत्र में अशांति बनी हुई है और आरोपियों के आतंक और जान के डर से कोई व्यक्ति आरोपियों के खिलाफ किसी मुकदमे में गवाही देने की हिम्मत नही करता है. कोर्ट ने आगे कहा कि आरोपियों का कोई विरोध या सामना करने की भी हिम्मत नहीं करता है.


इसके पहले जिला शासकीय अधिवक्ता मनोज त्रिपाठी और वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी अवधेश सिंह ने कोर्ट को बताया कि तत्कालीन कैंट थाना प्रभारी जावेद अहमद ने 15 दिसम्बर 2006 को आरोपियों का गैंग चार्ट बनाकर जिलाधिकारी से अनुमोदन लेकर गैंगस्टर की कार्यवाही करते हुए रिपोर्ट दर्ज कराई थी. वादी ने रिपोर्ट दर्ज कराकर बताया था कि आरोपी सलीम, रुस्तम और सोहराब ने एक संगठित गिरोह बनाया है. जो अपने और अपने साथियों के आर्थिक लाभ के लिए हत्या जैसे अपराध करते हैं और समाज विरोधी क्रियाकलापों व आपराधिक मामलों में संलिप्त हैं. मामला दर्ज होने के बाद पुलिस ने विवेचना कर आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट लगाई थी.


इस मामले की सुनवाई के दौरान अभियोजन ने जहां कुल 18 गवाहों कि गवाही दर्ज कराई. हालांकि इस मामले में अभियोजन की ओर से पेश किया गया गवाह फरीद, इकबाल, डॉ आसिफ अली, मोहम्मद रफी और असरफ अपने बयान से मुकर गये थे. उन्होंने कोर्ट में अपने रिश्तेदारों के हत्यारे के रूप में आरोपियो को पहचानने से इनकार कर दिया था. वहीं, रिपोर्ट न दर्ज कराने का भी बयान दिया था. लेकिन पुलिस के गवाहों ने अभियोजन पक्ष का समर्थन किया. कोर्ट में आरोपियों को दंडित करने की मांग करते हुए. अभियोजन की ओर से कहा गया कि आरोपी सलीम का आचरण मुकदमे की सुनवाई के दौरान भी अच्छा नहीं था. वह कोर्ट में पेशी पर आने के दौरान पुलिस कस्टडी से फरार हो चुका है.

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Last Updated : Dec 10, 2022, 7:27 AM IST

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