लखनऊ: देश के जाने माने रंगकर्मी, नाट्य लेखक, साहित्यकार, व्यंग्यकार उर्मिल कुमार थपलियाल का मंगलवार को निधन हो गया. वह 79 साल के थे. बीते लंबे समय से वह कैंसर की बीमारी से लड़ रहे थे. रंगमंच के साथ हिंदी व्यंग्य विधा को नौटंकी शैली में परोसने वाले इकलौते कद्दावर लेखक और नाटककार उर्मिल कुमार थपलियाल ने पिछले 6 दशकों से ज्यादा समय तक कला संस्कृति और रंगमंच की सेवा की.
साहित्यकार उर्मिल कुमार थपलियाल के निधन पर सीएम योगी ने गहरा शोक व्यक्त जताया. उन्होंने अपने शोक संदेश में कहा कि श्री थपलियाल ने अपनी प्रतिभा से रंगमंच और साहित्य जगत को समृद्ध किया. श्री थपलियाल के निधन से कला और साहित्य जगत को हुई क्षति की भरपाई होना कठिन है. सीएम ने दिवंगत आत्मा की शांति की कामना करते हुए परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की है.
उनके इस आकस्मिक निधन ने पूरे साहित्य जगत को हिलाकर रख दिया है. मंगलवार शाम करीब 5:30 बजे उन्होंने इस लोक को छोड़ दिया. उन्हें नौटंकी, गोलियों के रंगमंच को शहरी जनता में स्थापित करने के लिए जाना जाता है. वह अपनी विशिष्ट शाई नागरी नौटंकी के जनक आदरणीय उर्मिल कुमार थपलियाल का काम पूरे भारत में मशहूर रहे. वह आंतों के कैंसर से पीड़ित थे. वह इस साल के अप्रैल से काफी बीमार चल रहे थे. उनको कई बार अस्पताल में भर्ती कराया गया था. पिछले सप्ताह उनकी तबीयत अधिक खराब होने पर उन्हें गोमतीनगर के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जहां मंगलवार शाम साढ़े पांच बजे उनका निधन हो गया. वह अपने पीछे बेटा रितेश और बेटी रितुल मिश्रा समेत भरा पूरा परिवार छोड़ गए हैं. उनका अंतिम संस्कार बुधवार सुबह 9 बजे बैकुठ धाम में किया जायेगा.
अपने आवास पर ली अंतिम सांस
वरिष्ठ साहित्यकार और रंगकर्मी उर्मिल कुमार थपलियाल के दामाद सत्येन्द्र मिश्रा ने बताया कुछ समय से वे अस्वस्थ थे. यह हृदय विदारक खबर साहित्य जगत, संस्कृति एवं पत्रकारिता जगत के लिए आपूर्णिय क्षति है. युवा रंगकर्मी मुकेश वर्मा ने बताया कि नाट्य गुरु का जाना बहुत दुखद खबर है. उनके निधन से केवल लखनऊ ही नहीं बल्कि पूरे देश के रंगकर्म की भारी क्षति है.