'नई शिक्षा नीति को लागू करना चुनौती पूर्ण, शिक्षक ही कर सकता हल' - सेमिनार का आयोजन
राजधानी में मंगलवार को अनएडेड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन उप्र की ओर से सेमिनार का आयोजन किया गया. इस दौरान नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन से शिक्षकों की भूमिका और बदलाव को लेकर विस्तार से चर्चा की गई.
लखनऊ :नई शिक्षा नीति 2020 (एनईपी) व नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क के क्रियान्वयन को लेकर मंगलवार को अनएडेड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन उप्र की ओर से सेमिनार का आयोजन एक निजी स्कूल में किया गया. इस अवसर पर लखनऊ मैनेजमेंट एसोसिएशन और अनएडेड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन उप्र की ओर से नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन से शिक्षकों की भूमिका और बदलाव को लेकर विस्तार से चर्चा की गई.
सेमिनार का आयोजन
इस चर्चा में मौजूद नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क एवं असेस्मेंट क्लस्टर कंप्लेक्स एवं पेडोलॉजी के ऊपर सीबीएसई के पूर्व अध्यक्ष एवं एडवाइजर नेशनल एजुकेशन पॉलिसी डॉ. अशोक गांगुली ने विस्तृत जानकारी दी. उन्होंने कहा कि 'यह देखना जरूरी होगा कि इसका क्रियान्वयन कैसे करना है. उन्होंने कहा कि दो वर्ष में इसे लागू करने वाले विभिन्न पहलुओं को देखना आवश्यक होगा. लागू करने में आने वाली समस्याओं को शिक्षा विभाग और सरकार के समक्ष रखना होगा. जिससे सही रूप में नई शिक्षा नीति का क्रियान्वयन हो सके.'
सेमिनार का आयोजन
वहीं लखनऊ मैनेजमेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष आईएएस नवनीत सहगल ने कहा कि 'नई शिक्षा नीति को लागू करना चुनौती पूर्ण है जिसे शिक्षक ही हल कर सकता है. उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका इन्हीं शिक्षकों को निभानी होगी. तभी शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण बदलाव लाया जा सकेगा.'
माध्यमिक शिक्षा के संयुक्त शिक्षा निदेशक डॉ. प्रदीप कुमार ने कहा कि 'सरकार ने कक्षा 6 से ही मौखिक शिक्षा लागू करने की बात की है और उन्होंने कहा कि बच्चों को अपनी रुचि के अनुसार विषयों को चयन करने की छूट होनी चाहिए. कार्यक्रम में लखनऊ मैनेजमेंट एसोसिएशन के उपाध्यक्ष इंजीनियर एके माथुर, रेनू चौधरी, अनएडेड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन अध्यक्ष अनिल अग्रवाल, डॉ उर्वशी साहनी समेत सरकार के प्रतिनिधि बड़ी संख्या में मौजूद रहे. मौके पर सेंट टेरेसा स्कूल की प्रधानाचार्या डॉ. गीतिका कपूर उपस्थित रहीं.'