लखनऊ: जिले के काकोरी के जेहटा गांव में लगभग 20 साल पहले उत्तर प्रदेश कृषि विविधिकरण परियोजना के तहत विश्व बैंक पोषित लाखों खर्च करके सब्जी मंडी तैयार की गई थी, जहां सब्जी लगाना चाहिए, लेकिन इसके बावजूद भी ग्रामीणों ने इस जगह पर बाजार नहीं लगाया, जिससे यह जगह विरान पड़ी है.
सब्जी मंडी को लेकर लापरवाह रवैया
उत्तर प्रदेश सरकार कृषि विविधिकरण परियोजना के तहत लाखों खर्च करके काकोरी के जेहटा गांव में सब्जी की दुकान लगाने के लिए सब्जी मंडी को बनाया गया था, लेकिन यहां के ग्रामीण इस जगह पर बाजार न लगाकर गांव के बाहर चौराहे के चारों तरफ अवैध तरीके से बजार लगा रहे हैं.
सरकार की ओर से लाखों खर्च करके बनाए गए इस मंडी में अब सब्जी बाजार न लगाकर लोग यहां जानवर बांध रहे हैं. साथ ही अवैध कब्जा करना भी शुरू कर दिया गया है. कुछ लोगों ने तो यहां पर दुकानें भी खोल रखी हैं. जिसपर जिम्मेदार बिल्कुल भी ध्यान नहीं दे रहे हैं.
दुकानें भी की गईं अलॉट
जटा गांव में बनी सब्जी मंडी के पास 7 दुकानें भी बनी हैं. उसमें से कुछ दुकानें लोगों को अलॉट भी की गई हैं. सब्जी बेचने के लिए बने स्थान को मरम्मत की जरूरत है, लेकिन विभाग की अनदेखी की वजह से यह बदहाल पड़ा है. स्थानीय किसान मातादीन ने बताया कि यहां के लोगों के बीच आपसी सहमति न बन पाने के कारण मंडी नहीं लग पाती. इसके कारण यहां सब्जी मंडी जेहटा चौराहे पर लगती है. वहीं किसान जगमोहन ने बताया कि यह किसान मंडी लगभग 20 साल पुरानी है. शुरुआती दिनों में यहां पर करीब 3 साल बाजार लगा उसके बाद यहां पर बाजार लगना बंद हो गया. उसके बाद से शासन-प्रशासन भी इस पर ध्यान नहीं देता है.
हम लोगों ने कई बार प्रयास किया कि बाजार इसी जगह पर लगे, लेकिन कुछ किसानों की मनमानी के चलते यह बाजार नहीं लग पा रहा है. सब्जी खरीदने वाले खरीदारों को काफी दिक्कतें होती हैं. बाजार यहां लगने से लोगों को बड़ी राहत मिलेगी और सड़क किनारे लगने वाले बाजार में हादसे के शिकार हो रहे लोगों को भी बचाया जा सकता है.
राहुल यादव, ग्राम प्रधान